एमपी रॉय, मेदिनीपुर : पृथ्वी को बचाने के लिए पर्यावरण संरक्षण और पारिस्थितिकी संतुलन जरूरी है। इस मामले में पेड़ों की खासी उपयोगिता है। यह बात हर व्यक्ति को समझनी होगी। राजा नरेन्द्र लाल खान महिला महाविद्यालय में आयोजित वन महोत्सव में यह बात वक्ताओं ने कही। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी संस्थान में वन महोत्सव मनाया गया।
महाविद्यालय के बालिका अलुमुनी एसोसिएशन, स्वछता एक्शन प्लान एवम एन एस एस द्वारा इस कार्यक्रम को सुचारू रूप से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्यरूप से अध्यक्ष डॉ जयश्री लाहा और अध्यापक पलाश घोड़ाई उपस्थित थे। डॉ जयश्री लाहा ने बताया कि वन महोत्सव की शुरुवात पहली बार १९५० से हुआ जिसे हर वर्ष जुलाई के महीने में पूरी भारत में मनाया जाता है। वन महोत्सव जंगली जानवरों और जंगल में रहने वाले जीवों पर वनो की कटाई के प्रभाव पर जोर देता है।
हमने भी पौधा लगाकर वन महोत्सव मनाया। कोराना की इस महामारी में इस वर्ष बहुत से छात्र, शिक्षक
सहित कर्मचारी लोग भी इस महोत्सव में शामिल नहीं हो पाए। आशा करते है कि आने वाले वर्ष में सब कुछ सामान्य रहा तो और भी अच्छे तरीके से हम वन महोत्सव को आयोजित करेंगे।