लखनऊ। उत्तर प्रदेश में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार का अभियान फलीभूत हो रहा है, जिसमें पेशेवरों, डॉक्टरों और इंजीनियरों सहित 8,533 से अधिक छात्र अकेले जुलाई के महीने में वर्चुअल कक्षाओं के लिए पंजीकरण करा रहे हैं। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान ने ऑनलाइन संस्कृत सीखने और भाषण प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिदिन एक घंटे की नि:शुल्क कक्षाएं शुरू की हैं। जो लोग आभासी माध्यम से संस्कृत सीखना चाहते हैं, उनके लिए प्रतिदिन एक घंटे की 47 कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।
इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है और युवा बड़ी संख्या में ऑनलाइन कक्षाओं के लिए अपना पंजीकरण करा रहे हैं। यूपी संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष वाचस्पति मिश्रा के अनुसार, ऐसे बहुत से लोग हैं जो संस्कृत भाषा सीखना चाहते हैं, खासकर पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर और व्यवसायी लोग शामिल है।
उन्होंने कहा कि यह सुविधा ऐसे लोगों के लिए वरदान के रूप में आई है जिन्हें संस्कृत सीखने, पढ़ने और बोलने का समय नहीं मिलता है। जो लोग संस्कृत सीखने में रुचि रखते हैं, वे मोबाइल फोन नंबर 952234003 पर मिस्ड कॉल अलर्ट के माध्यम से वर्चुअल क्लास में अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
वाचस्पति मिश्रा ने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार लगातार संस्कृत के प्रति प्रेम पैदा करने और उन लोगों को अवसर देने की कोशिश कर रही है। जो उस भाषा को सीखना चाहते हैं। जिसके लिए संस्कृत संस्थान एक बड़ी भूमिका निभा रहा है।
पंजीकरण के लिए, उम्मीदवारों को एक ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा और अपने व्यवसाय, नौकरी और शिक्षा के बारे में जानकारी देनी होगी। जो छात्र संस्कृत पढ़ना चाहते हैं, उन्हें संस्कृत के ज्ञान के साथ-साथ नैतिक मूल्यों के बारे में भी शिक्षित किया जाएगा।इसकी व्याकरणिक संरचना में, संस्कृत अन्य प्रारंभिक इंडो-यूरोपीय भाषाओं जैसे ग्रीक और लैटिन के समान है। यह एक इनफ्लेक्टेड भाषा है।