धर्मवीर कुमार सिंह, हावड़ा : बेलूर स्टेशन के निकट की बस्ती के लोगों को अब कोरोना के चलते लॉक डाउन से काफी परेशानी हो रही है। बस्ती में 40 से ऊपर छोटी-छोटी कच्चे मकान है जिसमें वे लोग इस बारिश के मौसम में काफी मुश्किल से गुजारा करते हैं। इलाके में पीने के पानी की भी समस्या है। मुन्ना महतो का कहना है की लॉकडाउन के वजह से उन्हें काफी परेशानी हो रही है वह भी इसी बस्ती में रहते हैं और एक फल विक्रेता हैं पहले सारा दिन वह फल बेचकर अच्छा कमा लेते थे, लेकिन लॉकडाउन होने के बाद उनके कमाई पर काफी ज्यादा असर पर गया है।
जिससे उन्हें ज्यादा पैसे देकर माल खरीदना पड़ता है और फायदा बहुत कम मिलता है। बस्तीवासी कन्हैया सिंह का कहना था कि इलाके में नल की व्यवस्था नहीं है जिससे पीने की पानी के लिए दूर जाना पड़ता है और बारिश के मौसम में काफी ज्यादा परेशानी होती है जब इलाके में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
दोलन घोष का कहना है कि उनका परिवार यहां 40 सालों से रह रहा हैं और पहले इस बस्ती इलाके में रास्ते की समस्या थी वह दूर होने के बाद सबसे ज्यादा परेशानी अब पीने की पानी की हो रही है और इस लॉकडाउन में पिछले 2 महीने से उनका इलेक्ट्रिक का काम-धंदा पूरा का पूरा बंद है जिससे उनके रोजी-रोटी पर काफी बुरा असर पड़ा है।
विकास दास जिनकी उम्र 18 साल है वह एक वैन चालक है और इस लॉकडाउन में उनका पूरा काम धंधा बंद है जिससे उनके रोजी-रोटी पर काफी असर पड़ा है। लक्खी सील का कहना की उनका मकान कच्चा होने की वजह से बारिश के मौसम में पानी घर के अंदर प्रवेश कर जाता है जिससे रहने में काफी मुश्किलें आती है।
कोलकाता से लगे उपनगर में बस्ती के लोगों को आज भी पक्का घर, पेयजल, पक्की सड़कों के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है, ऊपर से कोरोना के चलते लॉक डाउन ने आम नागरिकों की कमर तोड़ दी है ऊपर से महंगाई। कई लोगों का ठीक ही कहना था कि अब सरकार क्या ऊपर वाला भी साथ नहीं दे रहा है, ऐसे ही मरना होगा।