बहती गंगा के बीच “मिनी वर्ल्ड” कोलकाता

दीपक कुमार दासगुप्ता, समाजसेवी

राजनीति के चाणक्य मुकुल रॉय के वापस तृणमूल कांग्रेस में लौटने तक कोलकाता की गंगा में जाने कितना पानी बह गया। यह मां की कृपा है जो हर किसी को आत्म चिंतन और आत्म शोधन का मौका देती है। पश्चिम बंगाल के जिस खड़गपुर में मैं रहता हूं उसे मिनी इंडिया कहते हैं क्योंकि देश के हर प्रांत के लोग यहां निवास करते हैं। इस लिहाज से कोलकाता को मिनी वर्ल्ड कहा जा सकता है। जहां दुनिया के हर कोने के लोगों का आना – जाना ही नहीं बल्कि निवास भी है। गंगा कोलकाता में भी बहती है।

कोलकाता का जिक्र वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय की टी एम सी में वापसी को लेकर ज्यादा हो रहा है । उनके कदम का अलग – अलग नजरिए से आकलन हो रहा है । अराजनीतिक नजरिए से कहूं तो जितना मैं जानता हूं मुकुल भी अराजनीतिक जीव ही थे । ममता बनर्जी जब उन्हें राजनीति में लाई तो पहले वे सामने आने या चुनाव लड़ने से कतराते थे। काफी दिनों बाद वे लाइम लाइट में आना शुरू किया।

ज्यादा महत्वाकांक्षा भी उनमें नहीं थे । परिस्थितियों से लाचार होकर यही मुकुल जब भाजपा में गए तो वहां की संस्कृति से तालमेल नहीं बिठा पाए । मुझे लगता है इसी वजह से उन्होंने टी एम सी में वापसी का फैसला किया । आंचलिक राजनीति के नजरिए से इसे शुभ ही माना जा सकता है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eight + 8 =