Kolkata Desk : दलबदलुओं को अभी तुरंत पार्टी में लौटना नहीं चाह रही है तृणमूल, आज संगठन की बैठक में होगा फैसला। विधानसभा चुनाव से पहले कई नेताओं, मंत्रियों, विधायकों ने तृणमूल छोड़कर भाजपा का रुख किया था। लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा से मोहभंग हो रहा है। सोनाली गुहा से लेकर दिप्पेन्दू विस्वास जैसे कई नेता पहले ही पुरानी पार्टी में वापसी के लिए आवेदन कर चुके हैं।
अब सवाल यह है कि इन दलबदलुओं का भविष्य क्या होगा? क्या उन्हें वापस पार्टी में लिया जाएगा? तृणमूल सूत्रों का कहना है कि अभी उम्मीद कम ही है। विधानसभा चुनाव में भारी सफलता के बाद सत्तारूढ़ दल की आज पहली सांगठनिक बैठक हो रही है। इसमें पार्टी के सभी सांसद, विधायक, जिला अध्यक्ष मौजूद रहेंगे, तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी आज की बैठक में दलबदल पर नीतिगत फैसला ले सकती हैं।
सत्तारूढ़ दल के एक वर्ग का कहना है कि इन दलबदलुओं ने न सिर्फ विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ी बल्कि पार्टी के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। पार्टी के साथ विश्वासघात किया। उन्होंने पार्टी को नुकसान पहुंचाने की पूरी कोशिश की। अब अगर उन्हें अच्छे समय में वापस ले लिया जाए तो विषम समय में पार्टी के लिए अपनी जान जोखिम में डालने वाले कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जाएगा।
इसलिए अभी तुरंत दलबदलुओं को पार्टी में लौटाने का सवाल ही नहीं उठता। इसके बजाय उन्हें कुछ और दिनों तक इंतजार करने दिया जाए। इस संदर्भ में सांसद सौगत रॉय ने कुछ दिन पहले स्पष्ट किया था कि दलबदलुओ को अगले 6 महीनों तक वापस नहीं किया जाना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि आज की सांगठनिक बैठक में इसी फैसले पर मुहर लग सकती है।
इसके अलावा आज की बैठक में अभिषेक बनर्जी की जिम्मेदारी बढ़ा दी जा सकती है। उसे युवा तृणमूल से मुख्य तृणमूल में लाया जा सकता है। ममता बनर्जी के बाद युवा अध्यक्ष को पार्टी की दूसरी कमान की जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। इसके साथ ही आज तृणमूल में बड़ा सांगठनिक फेरबदल होने की संभावना है। एक व्यक्ति एक पद पॉलिसी शुरू हो सकती है।
अर्थात जिलाध्यक्ष रहे मंत्रियों को जिलाध्यक्ष से हटाया जाएगा। युवा पीढ़ी को संगठन के काम मे लगाया जा सकता है। सामने ही नगर पालिका का चुनाव है, इसके बाद पंचायत वोट है। आज की बैठक में पार्टी नेत्री पार्टी को बूथ स्तर पर संगठन में फेरबदल का निर्देश दे सकती हैं।