उमेश तिवारी, हावड़ा। Kolkata Desk : हावड़ा शहर ने भले ही याश का प्रभाव नहीं पड़ा हो लेकिन याश के कारण उफनती गंगा ने ग्रामीण हावड़ा में जमकर उत्पात मचाया है। मूसलाधार बारिश के साथ-साथ गंगा के ज्वार का पानी कई गांवों में प्रवेश कर गया। सांकराइल के सारंगा ब्लाक पंचायत के हीरापुर ग्राम में गंगा नदी का पानी प्रवेश कर गई। गावों के कई मकान गंगा पानी में समा गये। हालांकि पहले से लोग सावधान थे इसलिए किसी की जान नहीं गई।
वहीं दूसरी ओर एनडीआरएफ की टीम पहले ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुकी थी। श्यामपुर इलाके के लोगों को एक स्कूल में ले जाया गया था।
बागनान के देउलटीहाट में रूपनारायण का पानी प्रवेश कर गया है। यहां शरतचन्द्र चटर्जी का मकान है। उस मकान में भी रूपनारायण नदी के ज्वार का पानी प्रवेश कर गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 78 वर्षों में ऐसा जलप्लावन का दृश्य उन्होंने नहीं देखा था। इसके साथ ही बागनान के गोविन्दपुर ग्राम का रास्ता नदी में समा गया है। बेनापुर ग्राम में भी रूपनारायण नदी का पानी प्रवेश कर गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक कोई सरकारी सहायता नहीं पहुंची है। वे स्वयं ही पानी को गांव में घुसने से रोकने के लिए बस्ते में बालू भर कर रास्ते में डाल रहे हैं। विधायक अरूनाभ सेन ने बताया कि वे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है। श्यामपुर के दो ब्लाक, आमता के दो ब्लाक व बागनान के दो ब्लाकों में जलप्लावन हो गया है। कहीं-कहीं रूपनारायण नदी का बांध टूटकर पानी गांवों में प्रवेश कर गया है। अभी तक लगभग 30 हजार लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
ग्रामीण हावड़ा के उलबेड़िया थाना व विख्यात काली बाड़ी में भी गंगा का पानी प्रवेश कर गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गंगा में ज्वार आने के कारण पानी प्रवेश कर गया है। सबसे आतंक करनेवाली बात है कि दामोदर नदी पर बना 58 गेट बांध का एक अंश क्षतिग्रस्त हो गया है। इससे उसके टूटने की आशंका बढ़ गई है। स्थानीय प्रशासन की ओर से नजर रखी जा रही है।