उमेश तिवारी, हावड़ा। Kolkata Desk : मंगलवार से बुधवार के दौरान दक्षिण बंगाल के जिलों में कभी भी चक्रवात तूफान यास (Yaas) पहुंच सकता है। इसकी तीव्रता को देखते हुए प्रशासन द्वारा सभी प्रकार के सुरक्षात्मक उपाय किये जा रहे हैं। कारण पिछले साल ही अम्फान के आतंक को लोग देख चुके हैं इसलिए याश को लेकर रेल प्रशासन भी कोई खतरा नहीं मोल लेना चाहता है। इसलिए दक्षिण-पूर्व रेलवे (SER) के शालिमार स्टेशन में आज रेकों को रेलवे लाइन से जंजीरों द्वारा जकड़ दिया गया है।
इसके पहियों को जंजीरों से बांध दिया गया है साथ ही पहियों में स्टॉपर भी लगा दिया गया है, ताकि रेक तूफान में आगे नहीं बढ़ सके। शालिमार स्टेशन के मुख्य यार्ड मास्टर राजा सान्याल ने बताया कि वैसे तो अगर कोई खाली रेक एक घंटे से ज्यादा स्टेशन पर रुकी रहती है तो उसके पहियों को लोहे की चेन और ताले से बांध दिया जाता है, अर्थात यह रूटीन करवाई है। लेकिन याश के आने की सूचना मिलने के बाद विशेष सावधानी बरती जा रही है।
उन्होंने बताया कि यास की गति के पूर्वानुमान को देखते हुए रेलवे प्रशासन किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है। इसलिए मोटे-मोटे जंजीरों से रेक के पहियों को बांधा जा रहा है। मुख्य यार्ड मास्टर ने आगे बताया कि जितनी भी ट्रेने बाहर से आयेंगी, उन सभी के रेकों को बांधने का कार्य जारी रहेगा। यास को लेकर दपूरे (SER) ने कई ट्रेनों को रद्द भी कर दिया है।ज्ञातब्य है कि अम्फान के समय भी हावड़ा के सभी यार्डों में रेकों को जंजीरों से जकड़ दिया गया था। ताकि कोई भी रेक अपने स्थान से आगे नहीं बढ़ सके।