कोलकाता : बंगाल सरकार द्वारा गठित ऑडिट समिति केवल कोरोना से हुई मौतों के चुनिंदा मामलों की ही जांच कर सरकार को रिपोर्ट देगी। यह जानकारी समिति के एक वरिष्ठ सदस्य ने रविवार को दी। राज्य सरकार ने इस समिति का गठन यह जांच करने के लिए किया है कि क्या मौत कोरोना से हुई है या पहले से ग्रस्त किसी अन्य बीमारी से हुई है। समिति ने हाल में राज्य में हुई 105 लोगों की मौतों की जांच की थी और बताया था कि 33 लोगों की मौत कोरोना के संक्रमण से हुई है जबकि बाकी मौतों की वजह कोरोना वायरस से संक्रमण के साथ अन्य बीमारियां थीं।
समिति के सदस्य ने से कहा, ‘‘कोरोना से हुई मौतों की जांच करने के लिए गठित विशेषज्ञों की समिति केवल विशेष मामलों की ही जांच करेगी न कि सभी मामलों की। हमने 105 लोगों की मौत पर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और नया कोई नमूना हमें नहीं दिया गया है।’’ सदस्य के मुताबिक समिति का मुख्य उद्देश्य कोरोना से हुई मौतों का अध्ययन करना और वायरस की प्रवृत्ति की अधिक जानकारी प्राप्त करना है।
आम लोगों के मन में इस बीमारी को लेकर कई सवाल हैं। अभी तक इस बारे में कोई अध्ययन या आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। सरकार लक्षणों को समझकर इलाज और संक्रमण रोकने के लिए दिशानिर्देश बनाना चाहती है… और यह जानना चाहती है कि यह वायरस कैसे प्राथमिक स्तर से उच्च स्तर में खुद में बदलाव करता है।
मौत के मामलों में यह जानना उद्देश्य है कि वायरस संक्रमण के कितनों दिनों बाद जानलेवा हो जाता है। समिति अब अस्पतालों से नमूनों को एकत्र करेगी और नयी जानकारी मिलने पर इसकी सूचना स्वाथ्य विभाग को देगी। उन्होंने कहा, ‘‘समिति कोरोना से होने वाली मौत को प्रमाणित नहीं करेगी।
हम अस्पतालों में जाएंगे और नमूने एकत्र करेंगे। अगर कोई खास जानकारी मिलती है तो राज्य के स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी जाएगी और हम उसके अनुरूप अनुशंसा करेंगे। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस से अब तक 48 लोगों की मौत हुई है। राज्य सरकार के मुताबिक राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमण के 886 मामले आए हैं जिनमें से 624 मरीजों का इलाज चल रहा है जबकि 199 संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक राज्य में कोरोना के 922 मामले सामने आए हैं।