आज पान/बुनकर समाज के महान सामाजिक व राजनीतिक नेता मुकुंदराम ताँती की 16वीं पुण्यतिथि बिहार/झारखंड समेत पूरे देश मे मनाई जा रही है। इसमें पान समाज के विभिन्न संगठनों द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। पान गुरु मुकुन्दराम ताँती बिहार/झारखंड के पान/बुनकर समाज के साथ पूरे देश के पान/बुनकर समाज में आदर्श के प्रतीक हैं।
इनका जन्म : 15 मार्च 1902 को चाईबासा के छोटे से ग्राम आमजोड़ा में हुआ था तथा निधन : 18 अप्रैल 2005 को झारखंड में हुआ। पूर्व विधायक मुकुन्दराम ताँती एक साफ-सुथरी छवि वाले तथा कर्मठ और सकारात्मक सोच रखने वाले समाजसेवी नेता थे।
उनका पहला आंदोलन एक छोटे से चीनी मिल से आरंभ हुआ था। अपने कर्मठता एवं न्यायप्रियता के चलते वे देखते ही देखते काफी लोकप्रिय हो गए थे। मुकुंद राम ताँती के पास जयपाल सिंह मुंडा के द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव 1952 में बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए सुझाव आया तो उन्होंने इसे स्वीकार किया तथा 1952 के चुनाव में क्षेत्रीय पार्टी (निर्दलीय) से निर्वाचित हो कर गरीबों, मजदूरों की आवाज बन कर बिहार विधानसभा में पहुंचे।
1) चाईबासा मध्य विद्यालय में हर साल शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को प्रेरित करने के लिए पुरस्कार वितरण किया करते थे। सामाजिक संगठन के माध्यम से पान समाज को संगठित होकर अपने अधिकार के प्रति जागरूक कर आग्रह एवं आंदोलन दोनों रास्ते से अपने अधिकार प्राप्त करने का कार्य आजीवन प्रतिबद्ध होकर करते रहे। मुकुन्दराम साहब के पान/स्वासी जाती के बिहार प्रदेश में ही अनेकों उपाधियां जैसे राम, दास, शर्मा, मंडल, ताँती, ततवा, प्रसाद और देश स्तर पर कोली, कोरी इत्यादि है। उनका स्पष्ट कहना था कि पान, स्वासी समाज में अनेकों उपाधि के कारण कोई पहचान नहीं बन पा रहा है और समाज को अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है।पान, स्वाँसी जाति के कमजोर वर्गों के लिए उन्होंने 6 किताब लिखे, जिससे कि अनुसूचित के अंतर्गत जाति नीति नियमों के अनुसार से अपनी 1- सामाजिक 2 – आर्थिक 3 – शिक्षित 4 – राजनीतिक मजबूती को बढ़ाएं और उसमें मजबूती प्रदान किया जा सके।
2) मुकुंद राम ताँती का एकमात्र लक्ष्य रहा है की समाज एक सूत्र में संगठित होकर हो मजबूती से राजनैतिक हिस्सेदारी प्राप्त करे, जिससे शैक्षणिक आर्थिक एवं सामाजिक विकास संभव हो सकेगा।
3) नोआमुंडी जोड़ा माइन्स यूनियन कमेटी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके मुकुंद राम ताँती 29 वर्षों तक जोड़ा माइन्स टाटा स्टील में कार्यरत थे।
4) मुकुंदराम ताँती हमेशा कहते रहे कि पान हमारी मूल जाती है और ताँती, ततवा, राम, दास, शर्मा, उपाधि मात्र है। उनके साथ स्व० झडी़लाल दास जी स्व० सुखदेव बाबू एवं समाज के सैकड़ों नेतागण बल देते रहे, फलस्वरूप पान समाज को आज अनुसूचित जाति की सुविधा मिली।
5) पान गुरु मुकुंदराम ताँती की प्रतिमा 2007 में झारखंड के जगन्नाथ मेन चौक पर उनकी मूर्ति स्थापित की गई, जो उनके लोकप्रियता को आज भी प्रमाणित करती है। पान गुरु मुकुंद राम ताँती जी की विधानसभा में तस्वीर भी लगी हुई है।