तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : भारत सरीखे कृषि प्रधान देश में ग्रामीण चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है । देश की बुनियादी स्वास्थ्य व्यवस्था के ये मजबूत स्तंभ रहे हैं। खड़गपुर तहसील के बेलदा में आयोजित प्रोग्रेसिव रूरल मेडिकल प्रैक्टिसनर वेलफेयर एसोसिएशन के नारायणगढ़ ब्लॉक सम्मेलन में यह बात वक्ताओं ने कही। बेलदा अस्पताल के बीएमओएच डॉ आशीष कुमार मंडल समेत कोलकाता, कटक, चेन्नई, मेदिनीपुर और भुवनेश्वर के बड़ी संख्या में चिकित्सक सम्मेलन में उपस्थित रहे।
ग्रामीण चिकित्सकों को स्वास्थ्य व चिकित्सा व्यवस्था की महत्वपूर्ण धुरी बताते हुए वक्ताओं ने कहा कि कोरोना काल में पश्चिम बंगाल में 25 ग्रामीण चिकित्सक संक्रमित होकर जान गंवा बैठे , लेकिन परिजनों को अब तक किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति नहीं मिली। टीकाकरण के मामले में भी हमें कोई विशेष अतिरिक्त सुविधा नहीं मिल रही है।
आम नागरिकों की तरह जरूरी प्रक्रिया के बाद ही टीकाकरण हो पा रहा है। यह सूरत बदलनी चाहिए। ग्रामीण चिकित्सकों को हर जरूरी सुविधाएं मिलनी चाहिए, जिससे वे बेहतर परिसेवा प्रदान कर सके। सम्मेलन में उपस्थित अन्यान्य पदाधिकारियों में डॉ . दुलाल चंद्र दे, डॉ. दिलीप कुमार पान, डॉ. अरुण कांति घोष, डॉ. प्रफुल्ल चंद्र बेरा, डॉ. योगेन्द्र नाथ बेरा, नारायण कांडार, डॉ. खुदीराम घोड़ाई तथा डॉ. भूलू शंकर भुइयां आदि शामिल रहे ।