नई दिल्ली। Farmer Protest : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फिर कहा है कि सरकार आंदोलनकारी किसान संगठनों से बातचीत के लिए तैयार है। कृषि मंत्री का यह बयान तब आया जब केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने केएमपी हाइवे को अगले 24 घंटे के लिए बंद कर दिया। किसान आंदोलन से लोगों को हो रही कठिनाई पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्रीय मंत्री तोमर ने किसान यूनियनों से आंदोलन की राह छोड़ वार्ता के लिए आने की अपील की है।
हालांकि उनका यह भी कहना है कि नये कृषि कानूनों का देशभर में स्वागत हो रहा है और देशभर के किसानों नये कृषि सुधार को लेकर कोई असंतोष नहीं है। उन्होंने एक बयान में कहा, “देश के हजारों किसान संगठन, अर्थशास्त्री और समाज के विभिन्न वर्ग कृषि सुधार बिलों का स्वागत कर रहे हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ ही लोग नये कृषि काूननों का विरोध कर रहे हैं, फिर भी सरकार ने आंदोलनकारी किसान संगठनों के साथ 11 दौर की वार्ता की ताकि किसानों की अगर कोई समस्या है तो उसका समाधान हो। सरकार द्वारा दिए गए इस प्रस्ताव की सराहना पूरे देश में हुई लेकिन आंदोलनकारी किसान यूनियनों ने इसे अस्वीकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अस्वीकार करने का यूनियनों ने कोई कारण भी नहीं बताया।
सरकार के साथ बातचीत का दौर जारी रहने के बीच आंदोलन चलाने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आंदोलन तब चलाया जाता है जब आंदोलनकारी की मांग पर सरकार चर्चा करने को तैयार न हों, लेकिन सरकार ने खुले मन से 11 दौर की वार्ता की और किसान संगठन आदोलन को स्थगित कर जब भी आएं सरकार उनके मसलों पर विचार करने और उनका समाधान करने के लिए तैयार है।
केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पिछले साल 26 नवंबर से आंदोलन चला रहे किसान संगठनों का संघ संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को सुबह आठ बजे केएमपी हाइवे को अगले 24 घंटे के लिए बंद कर दिया।