“नंदीग्राम संग्राम” में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए क्यों महत्वपूर्ण हुआ खड़गपुर??

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के सत्ता संघर्ष में नंदीग्राम यदि कुरुक्षेत्र है तो खड़गपुर इसमें सारथी की भूमिका का निर्वाह करने जा रहा है। पार्टी के चुनावी व्यूह रचना से कुछ ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं। माना यही जा रहा है कि नंदीग्राम में संग्राम जारी रखते हुए तृणमूल कांग्रेस खड़गपुर को केंद्र कर जंगल महल में सीटों का समीकरण साधने की भरसक कोशिश जारी रखेगी।सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आगामी 10 मार्च को नंदीग्राम से उम्मीदवारी का पर्चा दाखिल कर सकती है।

इसके लिए वे एक दिन पहले ही नंदीग्राम पहुंच सकती है। इसी दौरान उनके खड़गपुर में भी जनसभा आयोजित होने की संभावना है । बताया जाता है कि यह सभा खड़गपुर ग्रामीण इलाके में कहीं हो सकती है। इसके माध्यम से पार्टी जंगल महल में अपनी चुनावी तैयारियों का ” वार्मअप ” कर लेना चाहती है । नंदीग्राम के साथ ही खड़गपुर भी तृणमूल कांग्रेस के लिए अहम होने की कई वजहें है । पहला तो यह कि 2016 और 2019 में खड़गपुर ने पार्टी को बड़ा झटका दिया था।

उपचुनाव में मिली जीत से पार्टी की कसक कुछ कम जरूर हुई , लेकिन भाजपा और अधिकारी परिवार के असर पर लगाम कसने के लिए पार्टी नेता खड़गपुर का इस्तेमाल चुनावी ” कंट्रोल रूम ” के तौर पर करना चाहते हैं , जिससे जंगल महल के चुनावी हलचल की निगरानी की जा सके । इस संबंध में पूछे जाने पर टीएमसी जिलाध्यक्ष अजीत माईती ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनावी दौरे पर आएंगी , यह तय है , लेकिन आधिकारिक तौर पर अभी कार्यक्रम तय नहीं हुआ है ।

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