आनंद गुप्ता, कोलकाता : आंचलिक साहित्य को हिंदी में प्रतिष्ठित करने वाले सुप्रसिद्ध हिंदी कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु का यह जन्मशताब्दी वर्ष है। हिंदी-प्रदेश के साथ ही देश के कई दूसरे प्रदेशों में भी उन पर केंद्रित आयोजन हो रहे हैं। कोलकाता की प्रतिष्ठित साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था नीलांबर ने रेणु जी के व्यक्तित्व और कृतित्व को केंद्र में रखकर हाल ही में एक सफल कार्यक्रम सम्पन्न किया है। इसी क्रम में संस्था ने रेणु जी की बहुचर्चित कहानी संवदिया पर इसी नाम से फ़िल्म निर्माण भी किया है।
रेणु जी ने अपने लेखन में आज़ाद भारत के ग्रामीण जीवन में हो रहे बदलावों और बदलते-बनते नए संबंधों का बहुत ही जीवंत और मार्मिक चित्र उकेरा है। उनकी कहानी संवदिया इसका एक अच्छा उदाहरण है। ‘संवदिया’ में एक बिखरते संभ्रांत परिवार की बड़ी बहू के अभावग्रस्त जीवन और उनके उससे जूझने की विभिन्न मनोदशाओं को केन्द्र में रखा गया है। साथ ही ठेठ गंवई संवदिया की संवेदना को भी इसमें व्यक्त करने की कोशिश की गई है। यह फ़िल्म उस दौर के जीवन की इन्हीं संवेदनाओं के ताने-बाने को समकालीन समय के करघे पर बुनने की कोशिश है। यह एक साहित्यिक कहानी के पन्ने से पर्दे तक की यात्रा भी है।
इस फिल्म के कई दृश्यों का फिल्मांकन रेणु के पैतृक गाँव सिमराहा एवं उसके आसपास के अंचलों में किया गया है। आधे दर्जन से अधिक साहित्यिक रचनाओं पर फ़िल्म बना चुके ऋतेश कुमार इस फ़िल्म के निर्देशक हैं। फिल्म के मुख्य कलाकारों में मृणमोई विश्वास, दीपक ठाकुर, विमलेश त्रिपाठी, आशा पांडेय, पूनम सिंह एवं आदित्य प्रियदर्शी आदि शामिल हैं। फिल्मांकन किया है विशाल पांडेय ने।
संवदिया फिल्म की स्क्रीनिंग एवं संवाद का कार्यक्रम नीलांबर द्वारा उनके जन्मदिवस पर 4 मार्च 2021 को अपराह्न 2 बजे से अररिया (औराही, हिंगना), बिहार के रेणु ग्राम सभागार में आयोजित किया जा रहा है। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहेंगे पद्म पराग वेणु, दक्षिणेश्वर रेणु, राकेश बिहारी एवं विनय कुमार।