साहित्यडीपी सिंह की कुण्डलिया Posted on February 24, 2021 by admin भारत के हर शत्रु की, हर दिक्क़त का केन्द्र। मात्र एक है, केन्द्र में, बैठा हुआ नरेन्द्र।। बैठा हुआ नरेन्द्र, पाक की आँखें फोड़ीं। आतंकों का व्यूह, गर्दनें चीनी तोडीं।। पर करते ग़द्दार, देश की छवि क्षत-विक्षत। उनको तो दिन रात, खटकता उगता भारत।। दीपिका की तरह दिवाली पर डेब्यू करने जा रही हूं : मानुषी छिल्लर ‘रूसी’ हैकरों ने अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को बनाया निशाना