ट्रैजेक्ट्रॉन स्पोर्ट्स ने लांच की एरॉन – भारत की पहली ऐडवांस्ड प्रिसिजन एयरगन

अनिल बेदाग, मुंबई। भारत की सबसे युवा लाइसेंस्ड एयरगन मैन्युफैक्चरर कंपनी ट्रैजेक्ट्रॉन स्पोर्ट्स ने आज अपना पहला प्रोडक्ट- एरॉन लांच किया, जो प्रीमियम फील्ड-शूटिंग के कद्रदानों और पारखियों के लिए खास तौर बनाई गई एक उन्नत एयरगन है। एरॉन को भारत की पहली सबसे उन्नत स्वदेशी रूप से डिजाइन व निर्मित प्री-चार्ज्ड न्यूमैटिक (पीसीपी) एयरगन माना जाता है – वैश्विक मानकों के अनुरूप क्वालिटी वाली यह एयरगन सबसे प्रतिस्पर्धी कीमतों पर प्रस्तुत की गई है।

ट्रैजेक्ट्रॉन के संस्थापक, एमडी व सीईओ प्रमोद पॉलोस ने दो और सह-संस्थापकों को इस कंपनी की स्थापना में शामिल किया; जो हैं- प्रतिष्ठित विज्ञापन निर्माता और सीरियल उद्यमी प्रह्लाद कक्कड़ और अनुभवी बैंकर ब्रायन डिसूजा। भारत की अत्याधुनिक इंजीनियरिंग उत्पाद कंपनी बनाने के अपने साझा दृष्टिकोण के अलावा, ये तीनों उद्यमी एयरगन और फील्ड शूटिंग के लिए भी गहरा जुनून साझा करते हैं। कंपनी ने 2025 की शुरुआत में एरॉन का निर्माण शुरु किया और इनकी योजना घरेलू व अंतरराष्ट्रीय शूटिंग कम्यूनिटीज़ सहित खास बाजारों में अपने उत्पादों को पहुंचाने की है।

एरॉन के लांच पर ट्रैजेक्ट्रॉन स्पोर्ट्स के एमडी व सीईओ, प्रमोद पॉलोस ने कहा, ’’आज का दिन ट्रैजेक्ट्रॉन में हमारे लिए और भारतीय एयरगन सेक्टर के लिए एक मील का पत्थर है। एरॉन के लांच के साथ, हमने मैन्युफैक्चरिंग उत्कृष्टता की दिशा में एक कदम उठाया है – प्रतिस्पर्धी मूल्य पर एक उन्नत विश्व स्तरीय उत्पाद पेश करना। यह कहने में हमें कोई गुरेज़ नहीं कि हमने भारत की अपनी खुद की प्रिसिजन पीसीपी एयरगन को डिजाइन व उत्पादित करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया। मैं अपने सह-संस्थापकों और पूरी टीम को न केवल एक प्रोडक्ट बल्कि भारतीय एयरगन उद्योग में एक क्रांति लाने में योगदान के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ।’’

अनुमान है कि भारतीय एयरगन इंडस्ट्री लगभग 3 बिलियन डॉलर की है और यह लगातार बढ़ रही है। खरीदने की बेहतर क्षमता, परम्परागत रुतबा, सांस्कृतिक प्रासंगिकता, शूटिंग स्पोर्ट्स में बढ़ती दिलचस्पी, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म की पहुंच और डिज़ाइन में तकनीकी प्रगति सहित कई कारक इस बढ़ोतरी में शामिल हैं। हालाँकि, स्वदेशी विकल्पों की कमी, हाथों में थाम कर अनुभव करने की उपलब्धता का अभाव और आयात संबंधी खास कारण जैसे कि लंबी समय सीमा, ऊंची लागत, भुगतान में अड़चनें, सर्विस व सपोर्ट में दिक्कतें – अक्सर कलेक्टर्स और शौकीनों को हतोत्साहित करती हैं – इस वजह से उनके विकल्प अत्यंत सीमित हो जाते हैं।

ट्रैजेक्ट्रॉन स्पोर्ट्स के सह-संस्थापक प्रह्लाद कक्कड़ ने कहा, ’’फील्ड-शूटिंग का उत्साही और शौकीन होने के नाते, मैंने और मेरे सह-संस्थापकों ने व्यक्तिगत रूप से इन चुनौतियों का अनुभव किया है। संयोगवश हमारी एक मुलाकात हुई और हमने मेक-इन-इंडिया ऐडवांस्ड पीसीपी एयरगन के लिए अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए ये ट्रिगर खींचने का फैसला किया। यह एयरगन इस खेल के लिए हमारे सामूहिक जुनून का एक उदाहरण है और इससे भी अहम बात यह है कि यह नवीनतम तकनीक से भरपूर एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, इसके बावजूद इसमें पॉइंट एंड शूट की सादगी बरकरार है।’’

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