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कोलकाता। महाराजा श्रीशचंद्र कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन बांग्ला विभाग द्वारा किया गया। इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए और मातृभाषा के महत्व पर बल दिया। कॉलेज की प्रभारी एवं अंग्रेजी विभाग की अध्यापिका डॉ. सुनंदा राय ने कहा कि अंग्रेजी जैसी कामकाज की भाषा जानना जरूरी है, लेकिन अपनी मातृभाषा को भी प्यार करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि साहित्य और संस्कृति की चर्चा मातृभाषा में करनी चाहिए, इससे हमारे चिंतनबोध और व्यक्तित्व का विकास होगा।
विभागीय प्रधान डॉ. कौशिक घोष ने छात्रों को अपनी मातृभाषा को अच्छे से सीखने और महत्व देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मातृभाषा हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है, इसलिए हमें इसका सम्मान करना चाहिए।
प्रोफेसर कृष्ण पद दास ने कहा, “कोई भाषा संवेदना के विषय से जुड़ जाती है और मनुष्यता को बचाती है।” उन्होंने आगे कहा, “मातृभाषा हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिए हमें इसका ध्यान रखना चाहिए।” प्रो. कुंतल मित्र ने कहा मातृ भाषा का जुड़ाव संस्कृति और संवेदना से है।
डॉ. कार्तिक ने कहा, “शिक्षित वर्ग को अपने बच्चों को मातृभाषा में शिक्षित करने के दायित्व को समझना चाहिए।” अध्यापक डॉ. विजय रवानी, डॉ. प्रितेश चक्रवर्ती ने भी अपना वक्तव्य रखा। इस कार्यक्रम में सभी विभागों के अध्यापक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे और इसे सफल बनाया।
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