सूचना प्रसारण मंत्रालय ने की नई एडवाइजरी जारी- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ध्यान दें

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ग्रुप बनाने का प्रचलन बढ़ा- चार कानूनों के अंतर्गत सख़्ती से कार्रवाई जरूरी
सीक्रेट कैमरे से श्रद्धालु महिलाओं की निजता का हनन- व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, पर अल्लाहबादिया जैसों का अभद्र कंटेंट की संभावना का संज्ञान लेकर सख़्त कार्रवाई जरूरी- अधिवक्ता के.एस. भावनानी

अधिवक्ता किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक सोशल मीडिया की अति तीव्र गति से प्रगति हुई है। एक ओर जहां हमें अनेक लाभ मिल रहे हैं, तो उनके साइड इफेक्ट्स भी हमें देखने को मिल रहे हैं। हम व्हाट्सएप फेसबुक इंस्टाग्राम, टेलीग्राम ओटीटी इत्यादि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हमें कई अश्लील फोटो व कंटेंट पोस्ट करने व देखने को प्रचलन बढ़ सा गया है। व्हाट्सएप ग्रुप में अगर कोई जानकारी पढ़ा लिखा, कानूनविद वकील, सीए या लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी मीडिया से जुड़ा व्यक्ति है तो ग्रुप एडमिन उसे रिमूव भी कर देता है, जिसका जीता जाता उदाहरण मैं हूं। जिसे रेखांकित करना जरूरी। हालांकि इन अश्लील कंटेंट्स को नियंत्रित करनेके लिए एमआईबी द्वारा अनेकों बार समय-समय पर अनेकों दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं।

आज हम इस विषय पर चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि दिनांक 20 फरवरी 2025 को केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) ने एक नई एडवाइजरी जारी की है जिसका पालन नहीं करने पर या नियमों का उल्लंघन कर नियम तोड़ने वाले को जेल की हवा खानी पड़ सकती है, चूँकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाने का प्रचलन बड़ा है, अतः चार कानूनों के अंतर्गत सख़्ती से कार्यवाही जरूरी है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, सीक्रेट कैमरों से श्रद्धालु महिलाओं की निजता हनन, व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम पर अल्लाहबादिया जैसों का अभद्र कंटेंट का संभाव्य संज्ञान को लेकर लेकर सख्त कार्रवाई जरूरी।

साथियों बात अगर हम केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी नई गाइडलाइंस की करें तो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) ओटीटी जिसमें अवैध और प्रतिबंधित कंटेंट से बचने, उम्र-आधारित वर्गीकरण लागू करने और वयस्क सामग्री के लिए एक्सेस कंट्रोल मैकेनिज्म को अनिवार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।यह एडवाइजरी ऐसे समय में आई है, जब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर विवाद बढ़ रहे हैं, हाल ही में यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया की एक डिजिटल शो में की गई भद्दी टिप्पणी को लेकर भी काफी हंगामा हुआ था।

मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को भारतीय कानूनों और आईटी नियम, 2021(इंटरमीडिअरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) के तहत बनाए गए ‘कोड ऑफ एथिक्स’ का सख्ती से पालन करना होगा। यदि कोई प्लेटफॉर्म इन नियमों का उल्लंघन करता है तो इन कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी, यहां तक कि जेल की रोटी भी तोड़नी पड़ सकती है।
(1) महिला अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम, 1986 भारतीय न्याय संहिता, 2023.
(2) बाल यौन शोषण से सुरक्षा (पॉकसो) अधिनियम।
(3) सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थों के प्रचार पर रोक।
(4) ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को नशीले पदार्थों और साइकोट्रॉपिक ड्रग्स के उपयोग को बढ़ावा देने या उसे ग्लैमराइज करने से बचने के निर्देश दिए गए हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए मुख्य डिजाइन दिशा निर्देश।

(1) ड्रग्स के चित्रण पर उच्च श्रेणीकरण : यदि किसी कंटेंट में नशीले पदार्थों या खतरनाक व्यवहार को दिखाया गया है, जिससे अपराध या आत्म-हानि को बढ़ावा मिल सकता है, तो उसे सख्त आयु वर्गीकरण में रखा जाएगा।
(2) ड्रग्स के उपयोग को ‘ग्लैमरस’ न दिखाएं : किसी भी फिल्म, वेब सीरीज़ या शो में नशीले पदार्थों के सेवनको फैशन या सामाजिक रूप से स्वीकार्य व्यवहार के रूप में प्रस्तुत करने से बचना होगा।

(3) एनडीपीएस अधिनियम का पालन : ओटी टीप्लेटफॉर्म्स को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 का पालन करना होगा, जिसमें गांजा, पोस्ता और कोकीन जैसे पदार्थों के उपयोग और प्रचार पर सख्त कानूनी प्रतिबंध हैं। यदि किसी शो में इन्हें ग्लैमराइज़ किया गया, तो इसे अपराध में सहयोग माना जा सकता है और कानूनी कार्रवाई हो सकती है। हाल ही में संसदीय स्थायी समिति ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से डिजिटल मीडिया से जुड़े कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव मांगा था, ताकि नई तकनीकों और मीडिया प्लेटफॉर्म्स के विस्तार को ध्यान में रखते हुए सख्त नियम बनाए जा सके। मंत्रालय की इस एडवाइजरी से यह साफ हो गया है कि अब ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर दिखाई जाने वाली सामग्री पर सरकार की पैनी नजर रहेगी।

साथियों बात अगर हम महाकुंभ मेलें में श्रद्धालु महिलाओं द्वारा डुबकी लगाते समय सीक्रेट कैमरा से उनकी निजता का हनन की करें तो, उप्र पुलिस ने प्रयागराज में महाकुंभ में स्नान कर रहीं महिला तीर्थ यात्रियों के आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के आरोप में दो सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस के एक बयान के अनुसार, सोशल मीडिया निगरानी टीम ने पाया कि कुछ सोशल मीडिया मंच पर कुंभ मेले में महिलाओं के स्नान और कपड़े बदलने के वीडियो अपलोड कर रहे थे, जो उनकी निजता और गरिमा का स्पष्ट उल्लंघन है, इसके बाद कोतवाली कुंभ मेला थाने में मामले दर्ज किए गए और कानूनी कार्रवाई शुरू की गई।

मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और टेलीग्राम चैनल्स पर महिलाओं के नहाने और कपड़े बदलने की अश्लील तस्वीरें और वीडियो वायरल के मामले में पुलिस कर रही कार्रवाई। डीआईजी महाकुंभ ने एक मीडिया चैनल से कहा, कुछ सोशल मीडिया प्रोफाइल्स और ग्रुप पर अवैध तरीके के कृत्य किया जा रहे हैं, यह आपराधिक प्रकरण है और सभी लोगों को चिन्हित कर एफआईआर की जा रही है। इस मामले में सीरियस ऑफेंस में आईटी एक्ट और बीएनएस के अंतर्गत मामला दर्ज किया जा रहा है और उसमें गिरफ्तारी भी जाएगी, इसमें बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों की गिरफ्तारी की जाएगी, ऐसे जो भी सोशल मीडिया प्रोफाइल्स आ रहे हैं उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है।

साथियों बात अगर हम अल्लाहबादिया केस की करें तो, स्टैंडअप कॉमेडियन समय के शो इंडियाज गॉट लेटेंट में अल्लाहबादिया बतौर गेस्ट जज शामिल हुए थे, इस कार्यक्रम में उन्होंने एक कंटेस्टेंट से उसके पेरेंट्स की सेक्स लाइफ पर विवादित सवाल पूछ डाला था। इनके भद्दे सवाल का क्लिप देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसे देखने के बाद लोगों का उन पर गुस्सा फूट पड़ा। कई बड़े-बड़े क्रिएटर्स ने उनकी आलोचना की है, उनके पॉडकास्ट के इनवाइट को कुछ सेलेब्स ने कैंसिल भी किया था। समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में माता-पिता पर अश्लील टिप्पणी के मामले में अल्लाहबादिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

अल्लाहबादिया ने अलग-अलग राज्यों में खुद पर हुईं एफआईआर रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर मंगलवार (18 फरवरी) को सुनवाई हुई। सुनवाई को दौरान सर्वोच्च अदालत ने अल्लाहबादिया को जमकर फटकार लगाई। जस्टिस की दो सदस्यीय पीठ ने इंडिया गॉट लेटेंट शो करने पर पाबंदी लगाने के साथ रणवीर अल्लाहबादिया का पासपोर्ट जब्त करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने रणवीर अल्लाहबादिया को आदेश दिया है कि वो बिना उनकी इजाजत लिए देश से बाहर नहीं जा सकते हैं। अल्लाहबादिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर महाराष्ट्र और असम में दर्ज एफआईआर को जोड़ने और गिरफ्तारी से संरक्षण दिए जाने की मांग की थी। इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने 10 बड़ी टिप्पणियां की थी।

गुवाहाटी पुलिस ने सोमवार 10 फरवरी को कुछ यूट्यूबर्स और सोशल इन्फ्लुएंसर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह, अपूर्व मखीजा, रणवीर अल्लाहबादिया, समय रैना और अन्य लोगों का नाम शामिल था, इन लोगों पर ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ नाम के शो में अश्लीलता को बढ़ावा देने और यौन रूप से स्पष्ट और अश्लील चर्चा में शामिल होने का आरोप है। दरअसल, गुवाहाटी क्राइम ब्रांच ने साइबर पीएस केस नंबर 03/2025 के तहत बीएनएस 2023 की धारा 79/95/ 294/ 296 के साथ-साथ आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट, 2000 की धारा 67, सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 की धारा 4/7 और महिलाओं का अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम, 1986 की धारा 4/6 के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में जांच पड़ताल अभी चल रही है।

साथियों बात अगर हम एक व्यक्ति द्वारा अनेकों व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर एडमिन बनकर संचालन करने की करें तो, आजकल हर सिटी मोहल्ले में कोई ना कोई एक व्यक्ति व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर सम्मानित व दागी व्यक्तियों को उस ग्रुप में ऐड करता है, फ़िर कुछ सम्मानित पढ़े लिखे व बुद्धिजीवी वर्ग, मीडिया वर्ग को भी ऐड किया जाता है, परंतु मीडिया पर्सन उस ग्रुप की पूरी कार्रवाई पर नजर रहता है, कोई गलत पोस्ट या गलत भाषा होती है तो उसकी खोजी नजर उस पर पड़ती है, तो वह उस पर आपत्ति लेता है और अगर ऐसा नहीं होता है तो कानून के लंबे हाथ उस ग्रुप तक भी पहुंचने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि सूचना प्रसारण मंत्रालय ने की नई एडवाइजरी जारी-सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ध्यान दें- नियम तोड़े तो खानी पड़ सकती है जेल की रोटी! सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ग्रुप बनाने का प्रचलन बड़ा – चार कानूनों के अंतर्गत सख़्ती से कार्रवाई जरूरी। सीक्रेट कैमरे से श्रद्धालु महिलाओं की निजता का हनन- व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर अल्लाहबादिया जैसों की अभद्र कंटेंट की संभावना का संज्ञान लेकर सख़्त कार्रवाई जरूरी है।

(स्पष्टीकरण : उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। यह जरूरी नहीं है कि कोलकाता हिंदी न्यूज डॉट कॉम इससे सहमत हो। इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है।)

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twelve − 11 =