Maha Kumbh: A huge crowd of devotees gathered on Magh Purnima

महाकुंभ : माघ पूर्णिमा पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

महाकुंभ नगर। महाकुंभ 2025 में माघ पूर्णिमा पर बुधवार को संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर योगी सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की परंपरा को जारी रखा। सभी घाटों पर स्नान कर रहे श्रद्धालुओं, साधु-संतों और कल्पवासियों पर फूलों की बारिश की गई।

पुष्प वर्षा की शुरुआत सुबह 8 बजे से ही हो गई, जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु विभिन्न तटों पर स्नान कर रहे थे।

गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर मौजूद संतों और श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम और हर-हर महादेव के नारे लगाए। अपनी धार्मिक आस्था को सम्मान दिए जाने पर श्रद्धालुओं ने योगी सरकार की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

स्नान पर्व के दौरान पुष्पवर्षा से साधु संत और श्रद्धालु गदगद नजर आए। जैसे ही आसमान में हेलीकॉप्टर की गड़गड़ाहट सुनाई दी, सभी को आभास हो गया कि योगी सरकार द्वारा उन पर पुष्पवर्षा होने वाली है।

जैसे ही गुलाब की पंखुड़ियां श्रद्धालुओं पर पड़ीं, पूरा वातावरण हर-हर महादेव, गंगा मइया की जय और जय श्रीराम के नारों से गुंजायमान हो गया। सुबह 8 बजे पहली बार हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी और लगभग सभी घाटों पर जहां-जहां श्रद्धालु स्नान कर रहे थे, वहां पुष्प वर्षा की गई।

Maha Kumbh: A huge crowd of devotees gathered on Magh Purnima

महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं पर स्नान पर्वों के मौके पर पुष्प वर्षा की परंपरा रही है। इसी क्रम में माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर भी योगी सरकार ने परंपरा का निर्वहन करते हुए पुष्प वर्षा कर श्रद्धालुओं के लिए इस अवसर को यादगार बना दिया।

सीएम योगी के निर्देश पर उद्यान विभाग ने पुष्प वर्षा की पुख्ता तैयारी की थी। इसके लिए गुलाब की पंखुड़ियों की खास तौर पर व्यवस्था की गई। अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक स्नान पर्व पर लगभग 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों से बारिश की जा रही है।

पुष्प वर्षा के लिए 20 क्विंटल गुलाब के फूलों का स्टॉक जमा किया जाता है, जबकि 5 क्विंटल फूल रिजर्व में भी रखे जाते हैं।

परंपरा के अनुसार, योगी सरकार ने 13 जनवरी को पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा और पहले अमृत स्नान पर्व मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाई थीं, जबकि दूसरे अमृत स्नान मौनी अमावस्या पर सांकेतिक रूप से पुष्पवर्षा कराई गई। वहीं, तीसरे अमृत स्नान बसंत पंचमी और बुधवार को माघ पूर्णिमा पर भी इस परंपरा को जारी रखा गया।

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