Scientists from India and abroad will brainstorm on the impact of climate change on ecosystem, environment and agriculture

पारिस्थितिक तंत्र, पर्यावरण एवं कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर देश विदेश के वैज्ञानिक करेंगे मंथन

  • एनवायरनमेंट एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी की दो दिवसीय 12वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी शोध संगोष्ठी नहदौरा में
  • प्रोफेसर शोधकर्ता वैज्ञानिक पर्यावरणविद् विषय विशेषज्ञ समाजसेवी जनप्रतिनिधि पत्रकार उद्योगपति एवं प्रशासनिक अधिकारी होंगे शामिल

संवाद सूत्र, कोलकाता : मध्य प्रदेश शासन एवं नीति आयोग भारत सरकार से संबद्ध तथा द्वि सहस्त्राब्दी वर्ष से संचालित एनवायरनमेंट एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी का बारहवां राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन गोदावरी स्वरोजगार केंद्र ग्राम पंचायत नहदौरा तहसील राजनगर में दिनांक 01 एवं 02 फरवरी 2025 को होगा।

पारिस्थितिक तंत्र, पर्यावरण एवं कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव विषय पर चिंतन करने के लिए सैकड़ों वैज्ञानिक प्रोफेसर शोधकर्ता समाजसेवी पर्यावरणविद् समाजसेवी उद्योगपति पत्रकार विषय विशेषज्ञ जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे।

अभी तक श्री चंद्रभान सिंह गौतम जिला अध्यक्ष भाजपा श्री अरविंद पटेरिया माननीय विधायक विधानसभा राजनगर श्रीमती ललिता यादव माननीय विधायक विधानसभा छतरपुर श्रीमती विद्या अग्निहोत्री जिला पंचायत अध्यक्ष छतरपुर पुलिस अधीक्षक महोदय आगम जैन अपर कलेक्टर श्री मिलिंद नागदेवे प्रोफेसर आईपी त्रिपाठी माननीय कुलपति राजा साह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा

डॉ ए के वर्मा माननीय सदस्य उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रयागराज डॉ ए के पांडे पूर्व वैज्ञानिक आईसीएआर लखनऊ प्रोफेसर के के शर्मा पूर्व कुलपति एमडीएस यूनिवर्सिटी अजमेर सहित कई वैज्ञानिकों की सहमति प्राप्त हो चुकी है।

दो दिवसीय चलने वाली इस राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के पहले दिन उद्घाटन सत्र, तकनीकी सत्रों में शोध पत्रों का वचन, स्कूली विद्यार्थियों के लिए बाल कांग्रेस जिसमें वैज्ञानिकों के साथ संवाद एवं संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

दूसरे दिन तकनीकी सत्र से संगोष्ठी का शुभारंभ होगा तथा दोपहर में राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का समापन सत्र आयोजित किया जाएगा जिसमें प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस दौरान देश-विदेश से आए वैज्ञानिक ग्राम पंचायत का भ्रमण करेंगे तथा बुंदेली संस्कृति से रूबरू होंगे।

राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ अश्वनी कुमार दुबे ने बताया कि लगातार आयोजित होने वाली इस राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी से न केवल भारत में अपितु पूरे विश्व में पर्यावरण संरक्षण का संदेश जाता है, जिससे विश्वविद्यालय महाविद्यालय तथा शोध संस्थानों के शोधार्थी एवं विषय विशेषज्ञ इस कांफ्रेंस के द्वारा होने वाले मंथन एवं निष्कर्ष के आधार पर अपने-अपने राज्यों में पर्यावरण संरक्षण के लिए जुट जाते हैं।

अभी तक हजारों की संख्या में वैज्ञानिक एवं विषय विशेषज्ञ भाग ले चुके हैं तथा लाखों की संख्या में छात्राएं एवं शोधकर्ता लाभान्वित हो चुके हैं। इस कान्फ्रेंस में सभी वर्ग के प्रतिभागी शामिल होते हैं। उन्होंने क्षेत्र वासियों से अपील की है की अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर इस कांफ्रेंस का लाभ लें एवं पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें।

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