बंगाल : मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों ने ‘काम रोको’ अभियान शुरू किया

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में स्थित मिदनापुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एमएमसीएच) प्रसव के बाद एक महिला की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश सरकार द्वारा छह स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सकों को निलंबित किए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार सुबह अस्पताल के सभी कनिष्ठ चिकित्सकों ने अनिश्चितकालीन पूर्ण काम रोको अभियान शुरू कर दिया।

चिकित्सकों ने आरोप लगाया कि प्रसूति-स्त्री रोग (ओबीजीएन) और एनेस्थीसिया विभाग से छह कनिष्ठ चिकित्सकों को निलंबित करने का राज्य प्रशासन का फैसला स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार से ध्यान हटाने का प्रयास है।

उन्होंने कहा कि काम रोको अभियान शुरू करने का उद्देश्य इस कदम का विरोध करना और निलंबित सहकर्मियों के साथ एकजुटता दिखाना है। एमएमसीएच में ओबीजीएन विभाग के कनिष्ठ चिकित्सकों ने निलंबन के विरोध में बृहस्पतिवार देर रात पूरी तरह से काम बंद कर दिया।

एक कनिष्ठ चिकित्सक ने कहा, हम कनिष्ठ चिकित्सकों ने एक महिला की मौत और तीन अन्य मरीजों की गंभीर स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए ओबीजीएन और एनेस्थीसिया विभागों में हमारे छह सहयोगियों को निलंबित किए जाने के विरोध में एमएमसीएच में अनिश्चितकालीन काम रोको अभियान शुरू किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह स्वास्थ्य प्रणाली में कई कमियों और भ्रष्टाचार के अलावा गलत दवा के प्रयोग से ध्यान हटाने के लिए है।

उन्होंने कहा, नैतिक संकट की इस स्थिति में एमएमसीएच के सभी कनिष्ठ चिकित्सक अपने साथी सहकर्मियों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और आज सुबह (सुबह आठ बजे) से पूरी तरह काम बंद करने की घोषणा करते हैं। जूनियर डॉक्टर फोरम के सक्रिय सदस्य चिकित्सक ने उम्मीद जताई कि अधिकारी निलंबन आदेश को वापस ले लेंगे।

पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रसव के बाद कथित तौर पर एक्सपायर्ड इंट्रावीनस फ्लूड दिए जाने के कारण एक महिला की मौत और चार अन्य के बीमार पड़ने के मामले में लापरवाही बरतने का दोषी ठहराते हुए बृहस्पतिवार को एमएमसीएच के 12 चिकित्सकों को निलंबित कर दिया।

इन 12 चिकित्सकों में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और उप प्राचार्य (एमएसवीपी), आरएमओ, विभागाध्यक्ष, एक सीनियर रेजिडेंट और छह स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक शामिल हैं।

चिकित्सकों के निलंबन की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सीआईडी (अपराध अन्वेषण विभाग) ​​और स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित 13 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की दोनों रिपोर्ट में पाया गया है कि इन चिकित्सकों ने अपने कर्तव्यों के पालन में ‘‘लापरवाही’’ बरती, जिसके कारण महिला की मौत हो गई और चार अन्य बीमार हो गए।

उन्होंने यह भी कहा कि सीआईडी ​​चिकित्सकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करेगी और कानून के अनुसार जांच जारी रखेगी। बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों में एक विशेष कंपनी द्वारा निर्मित ‘इंट्रावीनस फ्लूड’ एवं कई अन्य दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।

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