भोपाल : मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हुए हादसे के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी कार्रवाई की है और चार अफसरों को निलंबित कर दिया है। उन्होंने लोगों की जान बचाने वाले तीन लोगों को पांच-पांच लाख का पुरस्कार दिए जाने का ऐलान किया है। वहीं, कांग्रेस ने परिवहन मंत्री और लेाक निर्माण मंत्री को हटाने की मांग की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को सीधी में बस दुर्घटना के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली और दुर्घटना के कारणों की जानकारी लेते हुए राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने बस दुर्घटना के लिये मप्र रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन के डीएम, एजीएम, मैनेजर और परिवहन अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन्हें हमने खो दिया, उन्हें वापस नहीं लाया जा सकता, पर पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता दी जाएगी। पीड़ित परिवारों को सात-सात लाख रुपये की सहायता दी गई है। दुर्घटना का सही कारण तो जांच के बाद पता चलेगा पर आम जनता से जो फीडबैक मिला उसके आधार पर छुहिया घाटी की सड़क खराब होना तथा बार-बार जाम लगने के कारण बस का मार्ग बदलना दुर्घटना का मुख्य कारण माना जा रहा है। इसलिए मध्यप्रदेश रोड कार्पोरेशन के डीएम, एजीएम तथा मैनेजर को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं। क्षमता से अधिक सवारी होने तथा बस का निर्धारित मार्ग से दूसरे मार्ग पर जाने का दोषी मानते हुए जिला परिवहन अधिकारी को भी निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमपीआरडीसी के बड़े अधिकारियों को मौके पर भेजकर घाटी में आवश्यक सुधार कार्य कराया जाएगा। साथ ही रोड के खतरनाक मोड़ को समाप्त करने के लिए दीर्घकालीन कार्य योजना बनेगी। ट्रैफिक का दबाव घटाने के लिए रीवा-गड्डी-रामपुर नैकिन रोड तथा जिगना-भरतपुर रोड का निर्माण शीघ्र पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने राहत तथा बचाव कार्य में तत्परता के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की प्रशंसा की। उन्होंने बचाव कार्य मे उत्कृष्ट कार्य करने पर शिवरानी लोनिया, लवकुश लोनिया तथा सतेन्द्र शर्मा को पांच-पांच लाख रुपए का पुरस्कार देने की भी घोषणा की।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने परिवहन और लोकनिर्माण मंत्री का इस्तीफा मांगते हुए कहा कि, “सीधी बस हादसे पर परिवहन विभाग व पीडब्ल्यूडी विभाग एक दूसरे को दोषी बता रहा है। मुख्यमंत्री ने दोनों विभागों को दोषी बताया परंतु गाज सिर्फ छोटे अधिकारियों पर ही गिरी। कांग्रेस की मांग – दोनों विभाग के मंत्रियों को हटाओ।”