कोलकाता, 24 दिसंबर : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने स्कूलों में भर्ती में कथित अनियमितताओं से संबंधित केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के एक मामले में मंगलवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और चार अन्य पूर्व अधिकारियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं।
न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती ने चटर्जी के अलावा, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के पूर्व अध्यक्ष सुबिरेश भट्टाचार्य, राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली, कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की सलाहकार समिति के पूर्व अध्यक्ष एस. पी. साहा और एसएससी के पूर्व सचिव अशोक साहा की जमानत याचिकाएं भी खारिज कर दीं।
इससे पहले, न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी और न्यायमूर्ति अपूर्व सिन्हा रॉय की खंडपीठ ने पांचों आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर अलग-अलग फैसले सुनाए थे। इसके बाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने मामले को निर्णय के लिए न्यायमूर्ति चक्रवर्ती की एकल पीठ को भेज दिया।
सीबीआई ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया था कि कथित स्कूल भर्ती घोटाले में पांचों के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन भर्तियों में अनियमितताओं की समग्र जांच अभी जारी है।
केंद्रीय एजेंसी के वकील ने दावा किया कि इस स्तर पर उन्हें जमानत दिए जाने से जांच प्रभावित हो सकती है, क्योंकि आरोपी प्रभावशाली हैं।
चटर्जी ने 2011 से 2021 तक शिक्षा विभाग का कार्यभार संभाला था। उन्होंने उन अन्य पूर्व अधिकारियों के साथ उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी, जो स्कूलों में भर्तियों में अनियमितता मामले में लगभग दो साल से जेल में हैं।
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