- कहा- यहां 90% जमात समर्थक
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जमात उल मुजाहिदीन से जुड़े दो बांग्लादेश आतंकियों को असम एसटीएफ ने पकड़ा है। इसे लेकर भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने आरोप लगाया कि राज्य में 90 फीसदी नागरिक स्वयंसेवक जमात के समर्थक हैं। आपको हर पुलिस स्टेशन में एक जमात आतंकी मिलेगा। पासपोर्ट की जांच करने वाले 90 फीसदी नागरिक स्वयंसेवक जमात के समर्थक हैं।
यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि असम पुलिस ने पश्चिम बंगाल में आतंकी पकड़े हैं। असम पुलिस देश के लिए काम करती है। जबकि पश्चिम बंगाल पुलिस केवल राज्य और पार्टी के लिए काम करती है।
19 दिसंबर को असम और पश्चिम बंगाल एसटीएफ ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से मिनारुल शेख और मोहम्मद अब्बास अली को गिरफ्तार किया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और बंगाल पुलिस की एक संयुक्त टीम ने एक आतंकवादी संगठन के संदिग्ध सदस्य जावेद मुंशी को गिरफ्तार किया। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जावेद की ट्रांजिट रिमांड मांगी थी।
सरकारी वकील विकास कुमार ने बताया था कि जावेद मुस्लिम लीग को पुनर्जीवित करने के लिए काम कर रहा था। उसकी गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने एक किताब, एक सीडी, एक प्लास्टिक बैग और कई दस्तावेज जब्त किए। इसके बाद अदालत ने 31 दिसंबर तक ट्रांजिट रिमांड की अनुमति दी थी।
पुलिस के मुताबिक मुंशी अपनी गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले कैनिंग इलाके में आया था। वह कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के गुर्गों के निर्देश पर बांग्लादेश में घुसपैठ करने की योजना बना रहा था।
जावेद मुंशी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-उल-मुजाहिदीन (TuM) से जुड़ा हुआ है। मुंशी ने आतंकवाद से जुड़े आरोपों में कई बार जेल की सजा भी काटी है। मुंशी ने नकली पाकिस्तानी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके कई बार बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान का दौरा करने की बात स्वीकार की।
मुंशी की गिरफ्तारी आतंकवादी संगठन अंसार-अल-इस्लाम बांग्लादेश के आठ संदिग्ध सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद हुई, जो पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी को पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ने वाले ‘चिकन नेक’ को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे।
गिरफ्तार किए गए आठ लोगों में से दो मुर्शिदाबाद जिले से थे और बंगाल, केरल और असम पुलिस द्वारा पकड़े गए आठ लोगों के समूह का हिस्सा थे। वह भारतीय राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहते थे। एसटीएफ मॉड्यूल के नेटवर्क की जांच कर रही है।
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