अजमेर। अजमेर की दरगाह शरीफ को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि लोगों का न्यायपालिका पर यकीन दोबारा बहाल हुआ है।
सर्वोच्च न्यायालय ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुनवाई करते हुए मंदिर-मस्जिद से जुड़े नए मुकदमे दाखिल करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही सर्वे पर भी स्टे लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सैयद सरवर चिश्ती ने कहा, “कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। चार सप्ताह बाद वह क्या रुख पेश करती है, यह देखने वाली बात होगी। लेकिन चार सप्ताह तक वे कोई सर्वे नहीं करा सकते। कोर्ट का यह फैसला स्वागत योग्य है।”
“निचली अदालत में एक ही दिन के अंदर जिस तरीके से फैसले आ रहे थे। लोगों का कोर्ट से विश्वास खत्म होता जा रहा था। लेकिन लोगों को न्यायपालिका पर दोबारा यकीन बहाल हुआ है। सभी को कोर्ट और कानून पर भरोसा होता, लेकिन वो डगमगा रहा था।”
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने वर्शिप एक्ट-1991 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि जब तक हम इस मामले पर सुनवाई कर रहे हैं, तब तक देश में धार्मिक स्थलों को लेकर कोई नया मामला दाखिल नहीं किया जाएगा, जो केस पेंडिंग हैं, कोर्ट उसमें फैसले नहीं सुनाएगा।”
उन्होंने कहा, “उच्चतम न्यायालय के निर्णय के लिए तमाम वकीलों को धन्यवाद। हम इसका स्वागत करते हैं। यह समय की जरूरत थी। इससे देश में अम्न की नई शुरुआत न्यायालय के आदेश से हुई है।”
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