Bengal health department removed three officials of RG Kar Hospital

आरजी कर मामले की सुनवाई 4 महीने तक टाली, पीड़िता के माता-पिता ने जताई निराशा

कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को 4 महीने के लिए टाल दिया है। इस फैसले के बाद पीड़िता के माता-पिता ने गहरी निराशा और हताशा व्यक्त की है।

उन्होंने कहा कि इतने समय के बाद भी मामले में इंसाफ नहीं मिला और सुप्रीम कोर्ट से उन्हें बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन अदालत ने स्वतः संज्ञान लेने के बाद भी मामले की सुनवाई को अगले साल 17 मार्च तक के लिए टाल दिया, जिससे वे काफी निराश हैं।

पीड़िता के माता-पिता ने सीबीआई जांच पर भी सवाल उठाए और कहा कि इस मामले में जांच में काफी समय लग रहा है, जबकि अपराधी अभी भी सजा से दूर हैं। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में कानूनी राय लेंगे और जीवन के अंतिम सांस तक इंसाफ की लड़ाई लड़ेंगे।

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें अदालत ने पक्षों से लिंग आधारित हिंसा की रोकथाम और अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने को कहा। अदालत ने राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) से इस संबंध में 12 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

एनटीएफ का गठन 20 अगस्त को हुआ था, और इसका उद्देश्य चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि अगली सुनवाई मार्च 2025 में होगी।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर मामले में और देरी होती है तो पक्षकार पहले सुनवाई का अनुरोध कर सकते हैं। अदालत ने इस दौरान डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन और सेवा से अनुपस्थित रहने के मुद्दे पर भी विचार करने को कहा। इस फैसले ने पीड़िता के परिवार और आम जनता में और भी गहरी चिंता और निराशा का माहौल बना दिया है, जबकि उन्हें उम्मीद थी कि न्याय जल्द से जल्द मिलेगा।

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