बांग्लादेश मामले में भारत सरकार को करनी चाहिए कार्रवाई : कुणाल घोष

कोलकाता। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में टीएमसी नेता कुणाल घोष ने नागेंद्र मठ मिशन और बंगाल सिटीजन्स फोरम के प्रतिनिधियों के साथ राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस से मुलाकात की।

मीडिया से बात करते हुए कुणाल घोष ने कहा कि नागेंद्र मठ और नागेंद्र मिशन 1891 से लोगों के बीच काम कर रहा है। नागेंद्र मठ मिशन ने बंगाल सिटीजन्स फोरम के साथ कल एक विशाल रैली और बैठक की।

राज्य सरकार को बांग्लादेश की घटनाओं से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है। उसे रोकने या बांग्लादेश से जुड़ी कोई भी कार्रवाई करने का अधिकार और जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। हम राज्यपाल से मिले और हमारी चर्चा हुई।

उन्होंने आगे कहा बंगाल के लोगों की भावनाओं से हमने राज्यपाल को अवगत कराया। पश्चिम बंगाल सरकार को बांग्लादेश के संबंध में कुछ भी करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है। केंद्र सरकार पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है और वे धर्म के साथ राजनीति करने में लगे हुए है।

कुणाल घोष ने कहा कि बांग्लादेश से पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियां आ रही हैं। बांग्लादेश सरकार को इसे रोकना चाहिए। हम धर्म के नाम पर कोई बंटवारा नहीं चाहते। बांग्लादेश को लेकर केंद्र सरकार को तुरंत कदम उठाना चाहिए।

भाजपा को बंगाल और देश के किसी भी हिस्से में सड़कों पर विरोध करने का कोई अधिकार नहीं है। यहां विरोध करने से क्या होगा। उन्हें बांग्लादेश के मामले में दखल देने के लिए अपने शीर्ष नेतृत्व से बात करने की जरूरत है।

भाजपा सिर्फ बयान देती है कि बांग्लादेश मामले में पश्चिम बंगाल सरकार क्या करेगी। हमें कुछ नहीं करना है क्योंकि हम एक राज्य हैं, इस मामले में केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए। हम समाज में एकता बनाए रखने के लिए बहुत ही जिम्मेदार भूमिका निभा रहे हैं।

इस दौरान नागेंद्र मठ और बंगाल सिटीजन्स फोरम ने राजभवन में राज्यपाल सीवी आनंद बोस को ज्ञापन सौंपा। जिसमें केंद्र से बांग्लादेश पर तुरंत उचित और प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की गई, क्योंकि यह केंद्र सरकार का विषय है।

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