कोलकाता। विश्व भारती विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित प्रोफेसर सुनीति कुमार पाठक का निधन हो गया। वे राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त और स्वर्ण पदक विजेता थे। 101 वर्ष की आयु में उनका असामयिक निधन हुआ। प्रोफेसर पाठक तिब्बती भाषा के संस्थापक और बौद्ध पंडित के रूप में विख्यात थे।
वे लगभग 9 भाषाओं में निबंध लिखने में पारंगत थे और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। प्रोफेसर पाठक की मृत्यु के बाद बीरभूम जिला के सभाधिपति काजल शेख ने उनके परिवार वालों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की।
इस दौरान, विश्व भारती विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति विनय कुमार सारेन और अन्य प्रोफेसर तथा कर्मचारी भी मौजूद थे। प्रोफेसर पाठक के निधन से शिक्षा जगत में एक बड़ी क्षति हुई है।
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