कोलकाता : कलकत्ता जिला सत्र न्यायालय ने चिटफंड कंपनी रोज वैली के एक अधिकारी को पोंजी स्कीमों के जरिए निवेशकों का पैसा हड़पने के आरोप में सात साल जेल की सजा सुनाई। सिटी सेशंस कोर्ट के जज अनुपम मुखोपाध्याय ने अरुण मुखोपाध्याय पर 2.5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। अरूण मुखोपाध्याय रोज वैली समूह में निदेशक थे।अदालत ने मुखोपाध्याय को दोषी ठहराते हुए कहा कि उन्होंने सुनवाई के दौरान अपराध स्वीकार किया था।।जमाकर्ताओं की ओर से वकील अरिंदम दास ने कहा कि रोज वैली ग्रुप द्वारा करोड़ों लोगों ठगा है।
अदालत के अनुसार 2013 में घोटाले का खुलासा होने के बाद गिरफ्तार किए गए मुखोपाध्याय को जमानत पर रिहा होने से पहले तीन साल की हिरासत में रखा गया था और सात सालों की कुल जेल अवधि में उन्हें कैद की सजा की अवधि शामिल होगी। मालूम हो कि रोज वैली समूह के प्रमुख गौतम कुंडू सहित कई आरोपियों को अब तक सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा चिट फंड घोटाले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।