बंगाल के सरकारी अस्पतालों में ऊंचे दामों पर निम्न गुणवत्ता के कैथेटर की आपूर्ति, जांच शुरू

कोलकाता : पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने कई सरकारी अस्पतालों में कथित तौर पर निम्न गुणवत्ता वाले और स्थानीय रूप से निर्मित ‘कैथेटर’ की ऊंचे दामों पर आपूर्ति किए जाने से जुड़े मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि ऐसे सेंट्रल वेनस कैथेटर (सीवीसी) कथित तौर पर राज्य के कम से कम पांच मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों को आपूर्ति किए गए थे।सरकारी अस्पतालों में इन कैथेटरों की आपूर्ति करने वाली कंपनी ने गलती स्वीकार कर ली है, लेकिन दोष अपने कर्मचारियों पर मढ़ दिया है।

कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने कुछ समय पहले स्टॉक की जांच शुरू की और मेरे अस्पताल के स्टोर में स्थानीय रूप से निर्मित सीवीसी मिले। ये कैथेटर राज्य द्वारा आवंटित कैथेटर की तुलना में निम्न गुणवत्ता वाले हैं। हमने राज्य स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर दिया है।’

Supply of low quality catheters at high prices in Bengal government hospitals, investigation begins

सीवीसी एक पतली और लचीली ट्यूब होती है जिसे तरल पदार्थ, रक्त और अन्य उपचार के लिए नस में लगाया जाता है। इसे चिकित्सकीय भाषा में सेंट्रल लाइन कैथेटर भी कहा जाता है।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वितरण कंपनी प्रकाश सर्जिकल ने सरकार द्वारा नामित अंतरराष्ट्रीय कंपनी के सीवीसी के बजाय कई सरकारी अस्पतालों में निम्न-गुणवत्ता वाले और स्थानीय रूप से निर्मित कैथेटर की आपूर्ति की।”

उन्होंने कहा, ‘सभी कैथेटर की जांच की जाएगी। यह पता लगाने के लिए उचित जांच की जा रही है कि इन कैथेटर की आपूर्ति से किसे लाभ हुआ।’ वितरण कंपनी ने निम्न गुणवत्ता वाले कैथेटर की आपूर्ति के लिए अपने कर्मचारियों को दोषी ठहराया।

वितरण कंपनी के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”मैं कुछ महीनों से बीमार था। कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने यह गलती की। हम अस्पतालों में आपूर्ति की किए गए सभी कैथेटर वापस ले रहे हैं। यह सब गलतफहमी के कारण हुआ।”

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