दिलीप घोष की मां दुर्गा की विवादित टिप्पणी को लेकर छिड़ी जुबानी जंग, तृणमूल ने भाजपा को घेरा

कोलकाता : बंगाल में श्रीराम को लेकर चल रहे आरोप प्रत्यारोप के बीच अब एक नया मुद्दा छिड़ गया है। भगवान श्रीराम के बाद अब मां दुर्गा को लेकर टीएमसी और बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। बंगाल के भाजपा अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष की देवी दुर्गा पर हालिया टिप्पणी को लेकर जुबानी जंग जारी है। जय श्रीराम को लेकर भाजपा तृणमूल को घेर रही थी तो अब तृणमूल भाजपा को मां दुर्गा को लेकर घर रही है। दो दिन पहले एक जनसंवाद में घोष ने कहा था कि भगवान राम एक सम्राट हैं और लोग उन्हें ‘अवतार’ मानते हैं। उन्होंने कहा कि हम राम के पूर्वजों के नाम जानते हैं। क्या हम देवी दुर्गा के पूर्वजों के बारे में जानते हैं? नहीं न? इसलिए राम को आदर्श राजा, मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में माना जाता है। यहां बंगाल में हमारे पास रामायण का बंगाली संस्करण भी है जैसे रामचरित मानस।

इस बयान से तृणमूल कांग्रेस ने इसे बंगाली आबादी की धार्मिक भावनाओं का ‘अपमान’ करार देते हुए जुबानी हमला शुरू कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर जारी बयान में कहा गया है, यह अकल्पनीय है। दिलीप घोष ने बंगाल की पवित्र मिट्टी पर देवी दुर्गा का अपमान किया है। जहां लोग शक्ति और प्रेरणा के प्रतीक मां के रूप में देवी की पूजा करते हैं, वहां हिंदुत्व के मुक्तिरक्षक होने का दावा करने वाले लोग अब देवी दुर्गा का अपमान कर रहे हैं।

तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने एक दिन पहले दक्षिण 24 परगना जिले में एक रैली में भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भगवा पार्टी ‘जय श्रीराम’ कहती है न कि ‘जय सिया राम’ क्योंकि इनके मन में महिलाओं का कोई सम्मान नहीं है। घोष के दुस्साहस पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री के भतीजे ने कहा कि जब बंगाल में कोई बालिका पैदा होती है तो लोग उसे देवी मां बुलाते हैं। महिलाओं का अनादर मां दुर्गा का अनादर है।

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