मनीषा झा, खड़गपुर । 11 वर्षो बाद रेलवे में यूनियनो के मान्यता हेतु 4, 5 एवं 6 दिसम्बर को चुनाव होने वाला है। इससे पहले यह चुनाव वर्ष 2007 एवं 2013 में हुआ था। यह चुनाव प्रत्येक पांच वर्षो में होता है। इस बार दक्षिण पूर्व रेलवे जोन में मान्यता प्राप्त हेतु दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ (DPRMS) सहित सात यूनियनों ने नामांकन किया है।
खड़गपुर मंडल, खड़गपुर कारखाना, गार्डेनरीच, चक्रधरपुर मंडल, आद्रा मंडल, रांची मंडल को मिलाकर 90 चुनाव बूथ बनाये गये हैं। इस चुनाव में लगभग साढ़े 76 हजार रेलवे कर्मचारी मतदान करेगें।
इस चुनाव में ऑल इंडिया एससी एसटी रेलवे इम्पलाइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया ओबीसी रेलवे इम्पलाइज फेडेरेशन, आरकेटीए, ऑल इंडिया रेलवे इंजीनियर्स फेडेरेशन, भारतीय रेलवे अराजपत्रित ट्रेफिक कैडर यूनियन, रेलवे दिव्यांग रेलवे कर्मचारी एसोसिएशन तथा अन्य एसोसिएशनों ने भी सहयोग का वादा किया है।
संतरागाछी में चुनाव प्रचार करने हेतु, भारतीय रेलवे मजदूर संघ के संगठन मंत्री व जोन के चुनाव प्रभारी राधा बल्लभ त्रिपाठी, डीपीआरएमएस के संरक्षक प्रहलाद सिंह, महामंत्री बलवंत सिंह, जोनल उपाध्यक्ष मनीष चंद्र झा, सहमंत्री सुनील कुमार मिश्रा,
जोनल संगठन मंत्री पवित्र कुमार पात्रो, खड़गपुर मंडल अध्यक्ष के. सी. मोहन्ती, खड़गपुर कारखाना सचिव पी. के. कुंडु, कारखाना संगठन मंत्री कौशिक सरकार, कार्यकारी सदस्य राजेश कुमार सिंह, शाखा अध्यक्ष रत्नाकर साहू, शाखा सचिव एच रवि, जी. ललित कुमार, सदस्यों में ओम प्रकाश यादव, राजेश तथा अन्य उपस्थित थे।
डीपीआरएमएस के महामंत्री बलवंत सिहं ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि डीपीआरएमएस का मुख्य मुद्दा है एक ही है- रेलवे कर्मचारियों का हित अर्थात रेलवे कर्मचारियों के लिए ओपीएस या पुरानी पेंशन की बहाली कराना।
जबकि दोनों मान्यता प्राप्त यूनियनें कर्मचारियों की समस्याओं को ताक पर रखकर अपनी कुर्सी बचाने में व्यस्त है। इसलिए इस यूनियन चुनाव में डीपीआरएमएस के मुठ्ठी बाली चक्र चिन्ह (क्रम संख्या-2) पर निशान लगाकर जीताना है।
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