कोलकाता। कोलकाता पुलिस ने कथित टैब मनी घोटाला मामले की जांच के लिए एक SIT का गठन किया है। कोलकाता के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में इस घोटाले से संबंधित कई मामले दर्ज किए गए हैं।
कोलकाता पुलिस ने टैब मनी घोटाला मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया था।
बता दें कि बंगाल सीआईडी और कोलकाता पुलिस के जासूसी विभाग ने पहले ही जांच शुरू कर दी है और कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
बंगाल सरकार, पात्र युवा छात्रों को टैब खरीदने के लिए दस हजार रुपये देती है, जिससे उन्हें पढ़ाई में मदद मिल सके।
संबंधित स्कूल अधिकारियों द्वारा अपने पात्र छात्रों का डेटा और बैंक अकाउंट डीटेल्स एक विशेष सरकारी पोर्टल पर डालने के बाद अलॉटेड मनी सीधे उनके अपने बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो जाता है।
दरअसल, स्कूल अधिकारियों को डेटाबेस बनाने के लिए अपने और स्कूल के यूजर आईडी का उपयोग करके पोर्टल पर लॉग इन करना होता है।
पुलिस ने दावा किया है कि प्रारंभिक जांच में पता चला है, “कुछ पेशेवर हैकर्स ने स्कूलों को टारगेट किया और स्कूलों के यूजर आईडी, पासवर्ड को हैक करने में कामयाब रहे।
इसके बाद स्कूलों के बैंक अकाउंट्स को छात्रों के बैंक अकाउंट्स से बदल दिया। इसके बाद, राज्य सरकार द्वारा भेजी गई आवंटित राशि स्टूडेंट्स के बैंक अकाउंट्स के बजाय अज्ञात खाते में जमा हो गई।
कोलकाता पुलिस के अंडर ही कोलकाता के 6 थानों में टैब घोटाले के 6 केस दर्ज किए गए. पुलिस का दावा है कि जादवपुर थाना, कसबा थाना, सरसुना थाना, बेनियापुकुर थाना, मानिकतला थाना और वाटगंज थाना में एक-एक केस दर्ज किया गया है।
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