वाराणसी। जानिए कार्तिक मास और कार्तिक मास की महिमा पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री जी से…
1) जो कार्तिक मास प्राप्त हुआ देख पराए अन्न का सर्वथा त्याग करता है (बाहर का कुछ नही खाता), उसे अति क्रच्छ नामक यज्ञ करने का फल मिलता है।
2) जो मनुष्य कार्तिक मास मे रोज भगवान विष्णु को कमल के फूल चढाता है, वह 1 करोड जन्म के पाप से मुक्त हो जाता है।
3) जो मनुष्य कार्तिक मास में रोज भगवान विष्णु को तुलसी चढाता है, वह हर 1 पत्ते पर 1 हीरा दान करने का फल पाता है।
4) जो मनुष्य कार्तिक मास में रोज गीता का एक अध्याय पडता है वह कभी यमराज का मुख नही देखता।
5) जो मनुष्य कार्तिक मास में शालिग्राम शिला का दान करता है, उसे सम्पूर्ण पृथ्वी के दान का फल मिलता है।
6) कार्तिक मास में जो व्यक्ति पुरे मास पलाश की पत्तल मे भोजन करता है, वह विष्णु लोक को जाता है।
7) कार्तिक मास में तुलसी पीपल और विष्णु की रोज पूजा करनी चाहिए।
8) जो मनुष्य कार्तिक मास में रोज भगवान विष्णु के मंदिर की परिक्रमा करता है। उसे पग-पग पर अश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है।
9) कहते हैं इस जन्म में जो भी पाप होते हैं वह सब कार्तिक मास मे दीपदान करने से नष्ट हो जाते हैं।
10) जो मनुष्य कार्तिक मास में रोज नाम जप करते है। उन पर भगवान विष्णु सदैव प्रसन्न रहते हैं।
11) जो मनुष्य कार्तिक मास में तुलसी, पीपल या आवले का वृक्षारोपण करते हैं। वे पेड़ जब तक पृथ्वी पर रहते हैं। लगाने वाला तब तक वैकुण्ठ मे वास करता है।
विशेष :- जो मनुष्य कार्तिक मास बिना किसी नियम के बिता देता है वह नरक में वास करता है!!
ज्योतिर्विद रत्न वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 99938 74848
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