कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य की रिपोर्ट मांगी। कोलकाता के राजाबाजार इलाके में हुई कथित सांप्रदायिक हिंसा के परिणामस्वरूप हिंदू और सिख समुदाय के लोगों को कथित तौर पर निशाना बनाया गया। चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने विपक्ष के नेता और BJP विधायक सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई की।
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि पूजा समारोह के दौरान राजाबाजार इलाके में भारी भीड़ जमा हो गई। विशेष समुदाय के लोग हिंदू और सिख समुदाय के लोगों पर हमला करने और पूजा पंडालों और मंदिरों को अपवित्र करने में लगे हुए थे।
दलील दी गई कि पत्थर फेंके गए और बम फेंके गए। वकील ने प्रार्थना की कि विस्फोटक पदार्थों के इस्तेमाल के कारण याचिका को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को ट्रांसफर कर दिया जाए।
चीफ जस्टिस द्वारा यह पूछे जाने पर कि इन घटनाओं की रिपोर्ट अखबारों में क्यों नहीं की गई, वकील ने दावा किया कि इस मुद्दे पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा रहा है और उनके बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए, आदि।
राज्य की ओर से पेश हुए एडवोकेट जनरल ने कहा कि पूरा मामला दो व्यक्तियों के बीच का था, जो हमलावर द्वारा तलवार और बन्दूक के इस्तेमाल के कारण भीड़ की हिंसा में बदल गया।
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