आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने स्केलेबल और सतत भविष्य के लिए आईपीई ग्लोबल के साथ एमओयू  

जयपुर। भारत में अग्रणी स्वास्थ्य प्रबंधन अनुसंधान विश्वविद्यालय, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने आईपीई ग्लोबल लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत रिसर्च, ट्रेनिंग और छात्र विकास के माध्यम से सतत स्वास्थ्य सेवा समाधान को आगे बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। दोनों संगठन मिलकर रिसर्च के साथ-साथ शिक्षाविदों और छात्र जुड़ाव सहित प्रमुख क्षेत्रों में निरंतर सहयोग के लिए एक व्यापक फ्रेमवर्क स्थापित करेंगे।

एमओयू के हिस्से के रूप में, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के छात्रों को आईपीई ग्लोबल लिमिटेड के साथ इंटर्नशिप के महत्वपूर्ण अवसर मिलेंगे और साथ ही उन्हें रिसर्च, शोध प्रबंधों, प्रैक्टिकम और प्लेसमेंट से लाभ होगा। यह ऑन-फील्ड अनुभव छात्रों को अपने शैक्षणिक ज्ञान को वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों में लागू करने, उनके सीखने के अनुभव को समृद्ध करने और उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों में लीडरशिप भूमिकाओं के लिए तैयार करेगा।

इस एमओयू के बारे मैं विस्तार से जानकारी देते हुए आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी.आर. सोडानी ने कहा, “आईपीई ग्लोबल के साथ हमारी साझेदारी युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसरों को हासिल करने में सक्षम बनाएगी। इसके साथ ही वे आधुनिक और मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए आवश्यक स्किल्स से भी लैस होंगे  और इसके लिए जरूरी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और इससे संबंधित ट्रेनिंग हासिल करेंगे। सस्टेनेबल, किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में सक्षम फ्यूचर लीडर्स को तैयार करना दरअसल हमारे समझौता ज्ञापन की आधारशिला है।

आईआईएचएमआर ने हाल ही में शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता के 40 साल पूरे किए हैं, और इस तरह के समझौते भविष्य पर हमारे फोकस और उद्देश्य और प्रतिबद्धता की हमारी नई भावना का प्रमाण हैं।” यह रणनीतिक समझौता आपसी विकास और नवाचार पर ध्यान देने के साथ अकादमिक-उद्योग साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी और आईपीई ग्लोबल लिमिटेड के बीच सहयोग में शोध प्रस्तावों का संयुक्त विकास और शोध पत्रों का सह-लेखन शामिल होगा। दोनों संस्थान समावेशी विकास और सुशासन की दिशा में संयुक्त रूप से काम करेंगे तथा फ्यूचर लीडर्स को प्रशिक्षित करेंगे, जो परिवर्तित शिक्षा एवं कौशल क्षेत्र तथा तकनीकी सहायता के माध्यम से आधुनिक समय की समस्याओं के लिए सस्टेनेबल और बेहतर समाधान तैयार करने में सक्षम होंगे।

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