कांथी। ‘दाना’ चक्रवात (Cyclone DANA) कभी भी समुद्र से टकरा सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक इसके ओडिशा के पुरी और बंगाल के सागर द्वीप के बीच लैंडफाल की संभावना है।
इसके परिणामस्वरूप पूर्व मेदिनीपुर के तटीय इलाकों में बड़े पैमाने पर नुकसान होने का अंदेशा है। मंगलवार से ही समुद्र में भारी ज्वार आ रहा है। प्रशासन की ओर से सतर्कता अभियान शुरू कर दिया गया है।
मौसम विभाग सूत्रों के अनुसार, 23 और 24 अक्टूबर को चक्रवात के प्रभाव से पूर्व मेदिनीपुर जिले में भारी और अति भारी बारिश की चेतावनी है। इसलिए जिला प्रशासन ने सिंचाई विभाग को नदियों और बांधों पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है।
जिला प्रशासन ने प्रत्येक ब्लॉक में राहत सामग्री जमा करने की योजना बनायी है।
स्थिति को देखते हुए प्रशासन की तरफ से स्थानीय लोगों को सुरक्षित नजगहों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। तटीय इलाकों में 60 बहुउद्देश्यीय आश्रयों के साथ-साथ स्कूल भवनों के साथ लगभग 500 राहत शिविर खोलने की तैयारी की गई है।
जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय में 24 घंटे का नियंत्रण कक्ष पहले से ही स्थापित किया गया है। दीघा, मंदारमणि, ताजपुर, शंकरपुर, दत्तपुर समेत तटीय इलाकों के लोगों को अलर्ट करने के लिए माइकिंग शुरू कर दी गयी है। प्रशासन ने मछुआरों के समुद्र में जाने पर रोक लगा दी है।
इससे पूर्व अम्फान और यश चक्रवात ने हल्दिया, दीघा तटों पर भारी नुकसान पहुंचाया था। इसके मद्देनजर जिला प्रशासन नुकसान से बचने के लिए तमाम एहतियाती कदम उठा रहा है। जिला प्रशासन ने पहले ही तीन कंपनी एनडीआरएफ जवानों की मांग की है।
इसके अलावा चार महकमा अधिकारियों और 25 ब्लॉकों के बीडीओ को अलर्ट कर दिया गया है। हर जगह पर्याप्त राहत सामग्री जमा करने का आदेश दिया गया है। दीघा में पर्यटकों और मछुआरों को समुद्र में जाने की मनाही की गई है।
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