कोलकाता। एक ओर आज आंदोलन कर रहे जूनियर डाक्टरों के साथ सीएम ममता बनर्जी बैठक करने वाली है। वही दूसरी ओर कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अपने सहकर्मी के साथ हुए बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों को लेकर तृणमूल नेता कुणाल घोष ने विवादित बयान दिया है।जिसके बाद राज्य भर के डॉक्टरों के बीच खलबली मच गई है।
इस बात की चर्चा होने लगी है कि क्या वास्तव में ममता और डॉक्टरों के बीच में ऐसे नेता दूरी बनवाने की कोशिश तो नहीं कर रहे है। इसके पीछे आखिर क्या मंशा है। दरअसल, कुणाल घोष ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को हर जिले में तैनात जूनियर डॉक्टरों की सूची तैयार करने को कहा था।
घोष ने कहा था कि जिलों में राज्य द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों से जुड़े कई जूनियर डॉक्टर अपने निर्धारित ड्यूटी अवधि में शामिल नहीं हो रहे हैं। वे कुछ घंटों के लिए ड्यूटी पर आते हैं और फिर निजी प्रैक्टिस करने के लिए कोलकाता आ जाते हैं।
इन डॉक्टरों की सूची तैयार करें, ताकि कानून के अनुसार उनके खिलाफ उचित प्रशासनिक कार्रवाई के लिए इसे राज्य सरकार को भेजा जा सके।
तृणमूल नेता ने यह भी दावा किया था कि ऐसे जूनियर डॉक्टरों की सूची राज्य सरकार को भेजी जाएगी, जो नौकरी के साथ- साथ निजी प्रैक्टिस भी कर रहे हैं, ताकि उनके खिलाफ मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके।
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