कोलकाता। कोलकाता के आर.जी.कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर संग हुए दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर जूनियर डॉक्टरों की 13वें दिन भी भूख हड़ताल जारी रही।
आठ डॉक्टर (कोलकाता में सात और दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी में एक) अनशन जारी रखने पर अड़े हुए हैं और राज्य सरकार के लिए चुनौती बने हुए हैं। उनका आरोप है कि सरकार ने अभी तक उनकी प्रमुख मांगों को स्वीकार नहीं किया है।
5 अक्टूबर की शाम से शुरू हुई भूख हड़ताल में भाग लेने वाले छह जूनियर डॉक्टरों की तबियत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
इनमें कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के तनया पांजा और अनुस्तुप मुखोपाध्याय, आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के अनिकेत माहता, एन.आर.एस. मेडिकल के पुलस्त्य आचार्य, नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज के आलोक वर्मा और नॉर्थ बंगाल डेंटल कॉलेज एवं अस्पताल के सौविक बनर्जी शामिल है।
एस्प्लेनेड में विरोध प्रदर्शन जारी रखने वाले सात भूख हड़तालियों में से तीन, अर्नब मुखोपाध्याय, स्निग्धा हाजरा और सायंतनी घोष हाजरा उन पहले छह लोगों में शामिल हैं जिन्होंने 5 अक्टूबर की शाम से भूख हड़ताल शुरू की थी।
इस भूख हड़ताल की पूरी अवधि के दौरान उन्होंने अपने विरोध प्रदर्शन में पूरी पारदर्शिता बनाए रखी है। यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। इसके साथ ही मंच पर एक डिस्प्ले चार्ट के माध्यम से हड़ताल पर बैठे प्रदर्शनकारियों की चिकित्सा स्थिति के बारे में हर घंटे अपडेट दिया जा रहा है।
उपलब्ध नवीनतम जानकारी के अनुसार, एस्प्लेनेड में प्रदर्शन कर रहे सात जूनियर डॉक्टरों में से रुमेलिका कुमार और स्पंदन चौधरी को छोड़कर अन्य पांच की तबियत खराब हो गई है। चिंता का सबसे गंभीर कारण यह है कि इन सभी पांचों के मूत्र में कीटोन बॉडी पाई गई है।
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