कोलकाता। पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को दुष्कर्म एवं हत्या की शिकार हुई महिला डॉक्टर के लिए न्याय की मांग को लेकर यहां अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टराें में से एक तनया पांजा पांच अक्टूबर से लगातार भूखे रहने के कारण शौचालय में गिर गईं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों का अनिश्चितकालीन आमरण अनशन आज 11वें दिन में प्रवेश कर गया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पांच अक्टूबर से अनशन के कारण कमजोर हो चुकी तनया को सोमवार रात गिरने और बेहोश होने के बाद कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अब क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में मेडिकल बोर्ड द्वारा उसकी लगातार निगरानी की जा रही है। एक डॉक्टर ने बताया कि उनकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
सूत्रों के अनुसार अब तक पांच जूनियर डॉक्टर, जिनमें से चार कोलकाता में और एक उत्तर बंगाल के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। वर्तमान में, कोलकाता में पांच जूनियर डॉक्टर और एक उत्तर बंगाल में अपने साथी के लिए न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं।
डॉक्टर फ़ोरम और पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट के संयुक्त मंच ने आज दोपहर ड्रोहो कार्निवल आयोजित करने का आह्वान किया है ताकि राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र की दुर्दशा पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।
इसके अलावा, राज्य भर में स्वास्थ्य क्षेत्र में कथित भ्रष्ट प्रथाओं को समाप्त करने के लिए सरकारी अस्पतालों की मांगों के बारे में जनता में जागरूकता पैदा की जा सके।
इस बीच, कोलकाता में अधिकांश निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम ने सरकारी अस्पतालों के चिकित्सा समुदाय के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए अगले 48 घंटों के लिए सुबह नौ बजे से काम बंद कर दिया।
निजी अस्पतालों में सभी गैर-आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हुई हैं। सोमवार को स्वास्थ्य भवन में 12 डॉक्टरों के संगठनों के प्रतिनिधियों और मुख्य सचिव मनोज पंत के बीच बैठक हुई, जो बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई।
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