नई दिल्ली/कोलकाता : लोकसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बंगाल की हालिया यात्रा के दौरान नोबेल पुरस्कार विजेता कवि रवींद्रनाथ टैगोर की कुर्सी पर बैठे थे, जिसपर पलटवार करते हुए शाह ने कहा कि वह कुर्सी पर नहीं बैठे थे, बल्कि एक खिड़की पर बैठे थे। शांति निकेतन में विश्व-भारती विश्वविद्यालय के वाइस-चांसलर के एक पत्र का उल्लेख करते हुए शाह ने निचले सदन में स्पष्ट किया कि चौधरी का यह दावा कि उन्होंने उस स्थान की गरिमा का उल्लंघन किया, पूरी तरह से गलत था।
शाह ने यह भी कहा कि उनकी यात्रा के दौरान उस स्थान की गरिमा का किसी भी प्रकार से उल्लंघन नहीं किया गया, क्योंकि वह कुर्सी पर नहीं, बल्कि एक खिड़की पर बैठे थे। उन्होंने सदन से कांग्रेस नेता द्वारा लगाए गए आरोप को हटाने और उनके स्पष्टीकरण और सबूत को रिकॉर्ड में रखने का भी अनुरोध किया।
शाह ने कहा, “मैं रवींद्रनाथ टैगोर की कुर्सी पर नहीं बैठा। मैं लोकसभा में स्पष्ट करना चाहता हूं कि मेरी किसी की भी भावना को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था।” उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी, बांग्लादेश की प्रधान मंत्री के साथ-साथ शांतिनिकेतन में टैगोर के निवास पर आगंतुक की पुस्तक पर हस्ताक्षर करने के लिए खिड़की पर बैठे कुछ अन्य राजनीतिक नेताओं की तस्वीर भी दिखाई।इससे पहले, चौधरी ने शाह पर पिछले साल दिसंबर में शांतिनिकेतन की यात्रा के दौरान टैगोर की कुर्सी पर बैठने का आरोप लगाया था।