कोलकाता। भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के विद्यार्थियों ने धमाल 24 कार्यक्रम में माँ दुर्गा का आवाह्न करते हुए गरबा में दीप प्रज्वलित किया। कॉलेज के रेक्टर और डीन प्रो. दिलीप शाह ने बताया कि धमाल पूर्व और पश्चिम दोनों की संस्कृति का संगम है। सदियों से दुर्गा का और अंबा की आस्था चली आ रही है। रॉयल बंगाल टाइगर पर अंबा सवार हैं तो दुर्गा सवार है गिरनार के सिंह पर है। पूर्व और पश्चिम दोनों की संस्कृति को जोड़ते हुए जगदंबे का आह्वान किया गया है।
भवानीपुर कॉलेज में बंगाल और गुजरात दोनों की परंपरा का निर्वाह किया जाता है। धमाल के फलक पर धुनुची से आरंभ होकर गरबा, डांडिया, रास, राधा-कृष्ण, माँ के कई गीतों पर नृत्य किए गए जो परंपरा को बढ़ाने वाले है। गुजराती परंपरा की वेशभूषा और बंगाल की वेशभूषा में सुसज्जित छात्र छात्राओं ने नवरात्रि और दुर्गा पूजा के आगमन का स्वागत किया और शारदोत्सव के आने का आनंद मनाया।
कॉलेज के मैनेजमेंट सदस्यों में अध्यक्ष रजनीकांत दानी और उपाध्यक्ष मिराज डी शाह, शिवानी शाह सपरिवार, बुलबुल भाई शाह, नलिनी पारेख, उमेद ठक्कर और सभी शिक्षकों और शिक्षिकाओं में डॉ. वसुंधरा मिश्र, डॉ. रेखा नारिवाल, डॉ. संपा सिन्हा, प्रो. नितिन चतुर्वेदी, प्रो. दर्शना त्रिवेदी आदि आरती में शामिल हुए। प्रो. मीनाक्षी चतुर्वेदी ने माँ दुर्गा की उत्पत्ति और उनके महत्व को बताया।
डॉ. वसुंधरा मिश्र ने बताया कि आज की युवा पीढ़ी की संस्कृति आधुनिकता में भी पूरी तरह से भाग लेती है। डीजे के साथ समूहों में विद्यार्थियों ने कई तेज धुनों के गीतों के साथ नृत्य किया और थिरकते रहे। प्रेम और भक्ति के साथ महालया में पितर पक्ष के बाद शारदीय स्वागत किया गया जो बंगाल और गुजरात दोनों को जोड़ते हुए भारत की संस्कृति और पारंपरिक त्योहारों की एकता को मजबूत करने वाले हैं।
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