ईरान-इजरायल युद्ध का आगाज- ईरान ने इजराइल पर सैकड़ो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी- पश्चिम एशिया व खाड़ी देशों में हड़कंप

संयुक्त राष्ट्र, भारत व अमेरिका सहित अनेक देश वैश्विक शांति के प्रयास में लगे हैं
दुनियां के तीसरे विश्वयुद्ध की ओर बढ़ते कदमों को रोकने वैश्विक अंतरराष्ट्रीय मंचों को आगे आने की जरूरत को रेखांकित करना समय की मांग- एड. के.एस. भावनानी

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर पूरी दुनियाँ देख रही है कि किस तरह रूस-यूक्रेन युद्ध को एक हज़ार दिनों से भी अधिक हो गए हैं, तो दूसरी ओर 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इजराइल-हमास युद्ध का दायरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। गल्फ कंट्रीज में युद्ध की आशंका पश्चिम एशिया का टेंशन युद्ध के बीच पूरी दुनियाँ तीन गुटों में बंट गई है, जिससे पूरी दुनियाँ बारूद के ढेर पर बैठ गई है। ऐसा महसूस होता है कि बस तीसरे विश्व युद्ध के लिए एक चिंगारी की जरूरत है, जो कभी भी लग सकती है। हमने 1 अक्टूबर 2024 को देर रात्रि करीब 10:30 बजे देखा कि करीब सभी टीवी चैनल इस कवरेज में जुट गए कि ईरान ने इजराइल पर सैकड़ो बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला कर दिया है। हालांकि इसका अंदेशा पहले से ही था। अमेरिका ने भी इजरायल को ईरान के हमले के बारे में चेताया था। फिर देर रात्रि ईरान का बयान आया कि यह बदले की करवाई है।

उधर तेल अवीव से इजरायली सेना प्रवक्ता ने लाइव बताया कि इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गई है। पूरा इजराइल क़िरणों से गूंज उठा था और अपने नागरिकों को बम विरोधी बंकरों में तुरंत जाने को कहा फिर रात्रि 12 बज़े के बाद बम विरोधी बंकरों से बाहर निकलने का आदेश भी जारी किया, क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल का हमला रुक चुका था। यह मैंने रात्रि 12:30 तक टीवी चैनलों पर पूरी रिपोर्ट देखी तो स्वाभाविक रूप से इस विषय पर आलेख लिखने की ठानी। आज के समय में विश्व युद्ध सिर्फ हथियारों से नहीं बल्कि आर्थिक प्रतिबंधों से भी विरोधी देश को संकट में डाला जाता है, आज यही हो रहा है। ईरान, रूस सहित अनेक देशों पर प्रतिबंध, खाड़ी देशों में अशांति, पश्चिम एशिया में हड़कंप यानी हम अंदाजा लगा सकते हैं कि, अब इसराइल में भी बैलिस्टिक मिसाइलों के जवाब देनें के बारे में रणनीति बनाना शुरू हो गया होगा, जिस पर दुनियाँ की नजरे भी लगी हुई है।

बता दें एक दिन पहले ही भारतीय पीएम ने इजराइल से बात की थी व अमेरिका ने ईरानी हमले की चेतावनी भी दी थी। लेकिन वही हुआ ईरान-इजरायल युद्ध का आगाज। ईरान ने सैकड़ो बैलिस्टिक मिसाइलों से इजराइल पर हमला किया, जिस पर पश्चिम एशिया व खाड़ी देशों में हड़प्पा मच गया है। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, दुनियाँ के तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ते कदमों को रोकने के लिए वैश्विक अंतरराष्ट्रीय मंचों को आगे आने की जरूरत को रेखांकित करना समय की मांग है।

साथियों बात अगर हम 1 अक्टूबर 2024 को देर रात्रि इसराइल पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमले की करें तो, ईरान ने इजराइल पर सबसे बड़ा हमला बोल दिया है। ईरान ने सैकड़ों मिसाइल से इजराइल पर हमला किया है। पूरे इजराइल में खतरे का अलार्म बज रहा है। हजारों लोग बंकरों में छिप गये हैं। खाड़ी में युद्ध अब और एक कदम आगे बढ़ गया है। इजरायली सेना ने कहा है कि ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया है। बता दें, अमेरिका ने पहले की ऐसे किसी हमले की चेतावनी दी थी और कहा था कि अगर ईरान हमले करता है तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इजराइली सेना ने बताया कि ईरान ने इजराइल पर मिसाइल दागी हैं और देश भर में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बज रहे हैं। इजराइल वासियों से ऐसी जगहों पर शरण लेने को कहा गया है जो बम हमलों से बचाव वाले आश्रय स्थलों के करीब हों। वहीं, इजराइल ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर ईरान हमले करता है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।

एम्बुलेंस सर्विसेज ने कहा कि देश पर ईरानी मिसाइल हमले में पूरे इजरायल में खबर लिखे जाने तक सिर्फ दो लोगों के घायल होने की जानकारी है। एम्बुलेंस सेवा का कहना है कि उसने तेल अवीव में शार्पनेल लगने से सिर्फ दो लोगों को मामूली चोट के लिए ट्रीटमेंट दी है। इनके अलावा कई लोग भागने और बचने के दौरान गिरने से घायल हो गए।इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमले करने के बाद ईरान की तरफ से बयान जारी किया गया है। ईरान की सरकारी मीडिया के हवाले से बताया जा रहा है कि ईरान ने चेतावनी दी है कि अगर इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की तो तेहरान की प्रतिक्रिया अधिक विनाशकारी होगी। संयुक्त राष्ट्र में ईरानी मिशन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि यह ईरान की जायोनी शासन के आतंकवादी हमलों के प्रति कानूनी, तर्कसंगत और वैध प्रतिक्रिया है।

इजरायली सेना अपने नागरिकों से कहा है कि ईरान की तरफ से मिसाइल दागे जा रहे हैं। सेना ने एक बयान में कहा, आप अगले आदेश तक सुरक्षित क्षेत्र में रहें। बताया जा रहा है कि ईरान की मिसाइलें और शार्पनेल डेड सी, देश के दक्षिण इलाके और तेल अवीव के आसपास शेरोन क्षेत्र में गिरी हैं लेकिन किसी हताहत की जानकारी नहीं है। ईरान के मिसाइल हमले के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी बयान सामने आया है। राष्ट्रपति बाइडेन ने एक एक्स पोस्ट में कहा कि इजरायल को ईरानी मिसाइल हमलों से बचाने और क्षेत्र में अमेरिकी सेना लोगों की रक्षा करने में मदद करने के लिए तैयार है। बाइडेन ने एक्स पर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ दिन में हुई बैठक के बारे में कहा, हमने चर्चा की कि कैसे अमेरिका इजरायल को इन हमलों से बचाने और क्षेत्र में अमेरिकी कर्मियों की रक्षा करने में मदद करने के लिए तैयार है।

इस बीच अति-दक्षिणपंथी इजरायली वित्त मंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा, गाजा, हिज्बुल्लाह और लेबनान की तरह, ईरान को भी इस समय पर पछतावा होगा। ईरान की ओर से मिसाइल दागे जाने के फौरन बाद इजरायल ने अपना सुरक्षा कवच आयरन डोम सक्रिय कर दिया है। फिलहाल इजरायल का पूरा ध्यान ईरान की मिसाइलों को रोकने पर है। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक आयरन डोम ने ईरान की मिसाइलों को मार गिराना शुरू कर दिया है। इजरायली सेना के प्रवक्ता ने कहा कि हमारा आयरन डोम सक्रिय है। हम हर तरह के खतरे और हमले का मुकाबला करने में सक्षम हैं।

साथियों बात अगर हम युद्ध को आर्थिक प्रतिबंधों से भी लड़े जाने की करें तो, आज के समय में विश्व युद्ध सिर्फ हथियारों से ही नहीं लड़ा जाता बल्कि आर्थिक प्रतिबंधों से भी विरोधी देशों को संकट में डाला जा सकता है।ईरान ने अपने इलाके से गुजर रही स्वेज नहर को बंद करने की धमकी दी है। उधर लाल सागर से निकल रहे मालवाहक जहाजों पर हूती आतंकवादी रोज हमले कर देते हैं। ये सब संकेत हैं, कि हर देश दूसरे देश की आर्थिक रूप से कमर तोड़ना चाहता है। चूंकि अमेरिका आज भी आर्थिक रूप से नंबर एक है और परमाणु हथियार भी उसके पास रूस से थोड़े ही कम हैं, इसलिए वह हर देश को अपनी सुविधा से अर्दब में लेता रहता है। यद्यपि अब संयुक्त राष्ट्र पर उसकी पकड़ ढीली पड़ रही है इसलिए पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र ने इजराइल को गाजा पट्टी पर हमला बंद करने को कहा था। इसलिए अभी तक अमेरिका खुल कर इजराइल को सपोर्ट नहीं कर रहा है।

ईरान भी भारत के लिए अहम है। वहां हमारा चाहबहार पोर्ट है जिसके जरिए यूरोप को जोड़ने के बारे में सोचा है। भारत की पॉलिसी अभी सही जगह है। लेकिन वेस्ट एशिया में संघर्ष बढ़ने पर भारत के सामने नई चुनौती आएगी। लेकिन भारत ने जैसे अमेरिका और रूस के बीच बैलेंस बनाकर रखा है, तो भारत आने वाले चुनौतियों को भी हैंडल कर लेगा। युद्ध शुरू रहा तो चीन और भारत के लिए बड़ी मुसीबत आने वाली है। इन दोनों देशों की अर्थव्यवस्था (जीडीपी) जिस तरह बढ़ रही है, वह यूरोप और अमेरिका के लिए चुनौती है। इसलिए ये दोनों देश अगर युद्ध में किसी का पक्ष लेते हैं तो इनकी जीडीपी पर असर जरूर पड़ेगा, इसलिए इनके लिए यह बड़ा धर्मसंकट होगा। हथियारों के मामले में रूस और अमेरिका जिस जगह खड़े हैं, बाकी देश उनसे बहुत पीछे हैं। चीन और भारत की समृद्धि की बड़ी वजह इनकी बढ़ती आबादी है कि खासतौर पर भारत में युवा आबादी इतनी अधिक है, कि सबसे सस्ता श्रम भी यहीं है। मध्य पूर्व के देश यदि तीसरे विश्व युद्ध का मैदान बनते हैं तो इस सस्ते श्रम की आवाजाही भी बंद होगी। यह अरब देशों और यूरोप दोनों के लिए मुश्किल में डालने वाला होगा।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि ईरान-इजरायल युद्ध का आगाज ईरान ने इजराइल पर सैकड़ो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी- पश्चिम एशिया व खाड़ी देशों में हड़कंप- संयुक्त राष्ट्र, भारत व अमेरिका सहित अनेक देश वैश्विक शांति के प्रयास में लगे हैं। दुनियाँ के तीसरे विश्वयुद्ध की ओर बढ़ते कदमों को रोकने के लिए वैश्विक अंतरराष्ट्रीय मंचों को आगे आने की जरूरत को रेखांकित करना समय की मांग है।

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)

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