कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य संचालित अस्पतालों में सभी रोगी कल्याण समितियों को भंग कर दिया और कहा कि चिकित्सकों, नर्सों और स्थानीय पार्षदों के प्रतिनिधित्व वाली नई समितियों का नेतृत्व अस्पतालों के प्राचार्य करेंगे।
मुख्यमंत्री ने चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा उपायों की समीक्षा के लिए एमएसवीपी और राजकीय अस्पतालों के प्राचार्यों के साथ बैठक की।
राजकीय मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के प्राचार्यों के साथ अपनी बैठक को ”सकारात्मक” बताते हुए बनर्जी ने कहा कि राज्य भर में स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याओं और शिकायतों के समाधान के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन तैयार किया जाएगा।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ”मैंने सभी ‘रोगी कल्याण समितियों’ को भंग कर दिया है। अब प्राचार्य नई समितियों के अध्यक्ष होंगे। चिकित्सा अधीक्षक और उपाध्यक्ष (एमएसवीपी) इसके सदस्य होंगे, साथ ही चिकित्सक बिरादरी या विभागाध्यक्ष (एचओडी), नर्सों और स्थानीय पार्षदों में से प्रत्येक का एक प्रतिनिधि भी इसमें शामिल होगा।”
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