भ्रष्टाचारियों को उल्टा लटकाकर सीधा करेंगे, इस घोषणा का तात्कालिक क्रियान्वयन समय की मांग

भारत को विश्व की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनाने, भ्रष्टाचार पर तात्कालिक सख़्ती से कदम उठाना जरूरी
भारत के ऊपर से नीचे तक व 747 जिलों से 5410 से अधिक तहसीलों तक भ्रष्टाचार पर पैनी नजर रखकर रणनीतिक घेराबंदी करना समय की मांग- एड. के.एस. भावनानी

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार आज दुनियां के हर देश की समस्या बन गया है, जो वहां की प्रगति खुशहाली और ईमानदारी को दीमक की तरह चाटकर खोखला बनाता जा रहा है। अर्थव्यवस्था के विकास को रोकने में उसके पहियों में हथकड़ी लगा देता है। देश गरीबी के अंधेरे में घसता चला जा रहा है व भ्रष्टाचारीगण अपनी मलाई को विदेशी बैंकों में रख देते हैं व समय आने पर अपना देश छोड़कर वहीं जाकर आराम की जिंदगी जीते हैं जिसका उदाहरण हम भारत में कुछ वर्ष पहले से देखते आ रहे हैं। परंतु अब समय आ गया है, इन भ्रष्टाचारियों का हर रास्ता बंद करने की शुरुआत हम ग्राम पंचायत कार्यालय से लेकर तहसील ऑफिस तक व उपविभागीय कार्यालय से लेकर कलेक्टर ऑफिस तक व राज्य ऑफिस से केंद्र ऑफिस तक हर चेन के पहिए को रणनीतिक रूप से बंद करना होगा, जिसमें सरकार के साथ-साथ आम जनता का भी साथ होना जरूरी है।

आज हम यह बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पिछले एक साल से यदि हम माननीय पीएम व माननीय गृहमंत्री के अनेकों संबोधनों में देखें तो, जिसकी चर्चा हम नीचे पैराग्राफ में करेंगे, उसमें भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए भ्रष्टाचारियों को उल्टा लटकाकर सीधा करने की बात गंभीरता से कही जाती रही है। मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि इसका क्रियान्वयन शीघ्र तात्कालिक किया जाए, जिसकी अभी से सीधे रणनीति बनाकर ऊपर से नीचे तक व 747 जिलों से 5410 से अधिक तहसीलों तक पैनी नजर रखकर ऐसा जाल बिछाया जाए, कि एक चपरासी भी 10 रुपए की रिश्वत लेने से डरे! जिस तरह से माननीय गृहमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ बॉडी लैंग्वेज दिखाते हैं वह अब धरातल पर तात्कालिक लाना जरूरी है, क्योंकि यह भ्रष्टाचार अर्थव्यवस्था को खोखला करने का सटीक कारण बन सकता है। जिसे हमें शीघ्र जड़ से काटकर फेंकना है।

क्योंकि हमें अब जल्द पांचवी अर्थव्यवस्था से तीसरी अर्थव्यवस्था पर आना है तो, सबसे बड़ी बाधा भ्रष्टाचार को जड़ से कटकर फेंकना होगा। जिसकी जवाबदेही हर शासकीय कर्मचारी व जनता को एक साथ उठना होगा, अगर भ्रष्टाचार समाप्त होगा तो, भारत फिर सोने की चिड़िया बन जाएगा। यह स्वप्न जरूर लगता है परंतु मुझे पूरा विश्वास है कि यदि माननीय गृहमंत्री भ्रष्टाचारियों को उल्टा लटका कर सीधा करने वाले संबोधन को धरातल पर व्यावहारिक रूप में लाएंगे तो इसकी गाज एक राज्य के कुछ जिलों में पड़ेगी, तो बाकी जिले अपने आप ठीक हो जाएंगे। चूंकि भारत को विश्व की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनाने, भ्रष्टाचार पर तात्कालिक सख़्ती से कदम उठाना जरूरी है, व भारत के ऊपर से नीचे तक व 747 जिलों से 5410 से अधिक तहसीलों तक भ्रष्टाचार पर पैनी नजर रखकर रणनीतिक घेराबंदी करना समय की मांग है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे। भ्रष्टाचारियों को उल्टा लटकाकर सीधा करेंगे, सम्बोधन का तात्कालिक क्रियान्वयन करना समय की मांग है।

साथियों बात अगर हम माननीय केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा अनेकों संबोधनों में भ्रष्टाचारीयों को उल्टा लटकाकर सीधा करने की बात करने की करें तो, 20 सितंबर 2024 केंद्रीय गृह मंत्री ने साहिबगंज से पार्टी की परिवर्तन यात्रा की शुरुआत की इसके सभा को संबोधित किया। प्रदेश में पार्टी की सरकार बनाएं, भ्रष्टाचारियों को उल्टा लटकाकर सीधा करेंगे, परिवर्तन यात्रा पीएम के महान झारखंड विकसित झारखंड के सपने को पूरा करने का मकसद लेकर आई है। परिवर्तन यात्रा झारखंड से घुसपैठियों को निकालने, माता-बहनों को सुरक्षा देने, युवाओं को रोजगार देने, आदिवासी दलित व पिछड़ों का कल्याण करने के लिए आई है। भ्रष्टाचार के मामले पर कहा इन भ्रष्टाचारियों को उल्टा लटका कर सीधा करने का काम करेंगे।

10 मई 2024 को चौथे चरण के चुनाव से पहले नदिया जिले के राणाघाट लोकसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में मजीदिया में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए संदेशखाली की घटना को लेकर कहा था कि इसके एक-एक गुनहगारों को उल्टा लटकाकर सीधा करने का काम पार्टी करेगी। 9 मार्च 2024 को बिहार के पटना में पिछड़ा-अति पिछड़ा महासम्मेलन को संबोधित किया था और कहा था कि बिहार में फिर से डबल इंजन की सरकार बन गई है, भूमि माफियाओं को उल्टा लटकाकर सीधा करने का काम हमारी सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि पीएम के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार बना दो। सरकार में इन सारे भ्रष्टाचारों की जांच करेंगे और जो रुपये गरीबों का खाया है, उनको उल्टा लटकाकर सीधा कर दिया जाएगा।

18नवंबर 2024 को विजयनगर, नसीराबाद (अजमेर) में पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभा को संबोधित कर कहा था कि इस सरकार ने पूरे राजस्थान को अपनी पार्टी का एटीएम बना रखा है। पार्टी को जब भी पैसा चाहिए, दिल्ली से पार्टी नेता राजस्थान आते हैं और कार्ड डालकर पैसा लेकर चले जाते हैं। 2 सितंबर 2023 शाह ने रायपुर में दीनदयाल उपाध्याय सभागार में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ आरोप पत्र जारी करते हुए कहा कि था कि पिछली सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर छत्तीसगढ़ में पार्टी सत्ता में आई, तो जिन लोगों ने भ्रष्टाचार किया है, उन्हें उल्टा लटकाकर सीधा कर दिया जाएगा।

साथियों बात अगर हम तहसील ऑफिस से जिलों तक भ्रष्टाचार की करें तो, वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार दुनियां के हर देश को दीमक बनाकर चाटने में अवल दर्जे पर शुमार किया जाता है, परंतु अगर हम भारत में देखें तो 747 से अधिक जिलों और 5410 से अधिक तहसीलों में हमे करीब-करीब हर स्थान पर कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार की कड़ी दिखेगी, उसमें भी गहराई में जाकर हम देखेंगे, 5410 तहसीलों में तो हमें हर छोटी बड़ी सरकारी सेवा में भ्रष्टाचार नजर आएगा जिसका मुक्तभोगी मैं स्वयं भी हूं। अगर अपने पेशे में बारम्बार इस अव्यवस्था को देखता हूं तो सातबारा से लेकर भूमिमापन प्रमाणपत्र भूमि सीमांकन का प्रमाणपत्र सहित करीब-करीब हर प्रमाणपत्र के लिए हरे पीले दिए बगैर काम नहीं होता।

मेरा मानना है कि हर व्यक्ति इस भ्रष्टाचारी अव्यवस्था से पीड़ित होगा। अगर हमे इस भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना है तो जिस प्रकार की योजना दिल्ली और दिनांक 10 दिसंबर 2023 को पंजाब में सरकार तुहाडे द्वार शुरू की गई है, जिसमें 43 से अधिक सेवाओं पर घर पहुंच सेवा के रूप में हरी झंडी दी गई है, वह तारीफ के काबिल है, इसे भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार के रूप में देखा जाना चाहिए तथा इस योजना को भारत के पूरे एक साथ 747 जिलों और तहसीलों तक ले जाने को अनिवार्य करना होगा जिसकी उम्मीद मैं इस आलेख के माध्यम से हमारे माननीय पीएम से करता हूं। अगर ऐसा हो गया तो संभव है कि हर कर्मचारी के लिए रिश्वत लेने के द्वार बंद हो जाएंगे और संभव है कि एक दौर ऐसा चले कि रिश्वत के बिना सरकारी नौकरियों में जाने की ट्रेंड कम हो जाए, क्योंकि वहां मलाई के रास्ते समाप्त हो जाएंगे। चूंकि सरकार तुहाडे द्वार को हर आम नागरिक द्वारा पसंद करने को रेखांकित करना जरूरी है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत के हर जिले में भ्रष्टाचार पर जबरदस्त वार करने 43 सरकारी सेवाओं की गृह सेवा योजना पूरे भारत में लागू करना समय की मांग है।

साथियों बात अगर हम भ्रष्टाचार के कानूनी ढांचा और नियामक ढांचा की करें तो, कानूनी ढांचा-भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018, धन संशोधन अधिनियम 2002, कंपनी अधिनियम 2013, भारतीय संघ दंड संहिता अधिनियम 1860, नियामक ढांचा-राष्ट्रीय स्तर भ्रष्टाचार के विरुद्ध काम करने वाले प्रमुख संस्थान भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रीय स्तर पर तीन प्रमुख संस्थान हैं- लोकपाल, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई)।

साथियों बात अगर हम भ्रष्टाचार निवारण में समाज की भूमिका की करें तो, समाज ही सभी अच्छाईयों व बुराईओं का स्त्रोत व उत्तरदायी हैं। समाज द्वारा चुने लोग ही सरकार में भेजे जाते हैं। इसलिए मतदान का बटन बहुत सोच समझ कर दबाना चाहिए। हमारे समाज के लोग ही सरकारी नौकरियों व पदों पर रखे जाते हैं। इसका अर्थ यह है कि समाज के अन्दर ही भ्रष्टाचार का बीज विद्यमान हैं। हमें अपने समाज में सुधार करने की आवश्यकता हैं। इसके लिए आवश्यक हैं कि हमे ऐसे लोगो को प्रमुख जिम्मेदारी देनी चाहिए जो विद्वान, योग्य हो और समाज हित व देश हित की मंशा रखते हैं। हमें सबसे पहले शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को शुरू से ही अच्छे कार्य करने की शिक्षा देनी चाहिए। उन्हे गलत कार्यों व लालच से दूर रहने की सलाह देनी चाहिए। यह जिम्मेदारी प्रत्येक माता पिता, बुजुर्ग, शिक्षक व अन्य सभी प्रमुख व्यक्तियों की है कि, वे भ्रष्टाचार मुक्त समाज व राष्ट्र का निर्माण करने में सहायक बने और दूसरों को भ्रष्टाचार करने से रोकें व उन्हें शिक्षित करें।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भ्रष्टाचारियों को उल्टा लटकाकर सीधा करेंगे, इस घोषणा का तात्कालिक क्रियान्वयन समय की मांग। भारत को विश्व की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनाने, भ्रष्टाचार पर तात्कालिक सख़्ती से कदम उठाना जरूरी। भारत के नीचे से ऊपर तक व 747 जिलों से 5410 से अधिक तहसीलों तक भ्रष्टाचार पर पैनी नजर रखकर रणनीतिक घेराबंदी करना समय की मांग है

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)

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