कोलकाता, 12 सितम्बर : नियुक्ति भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में तृणमूल विधायक मानिक भट्टाचार्य को कलकत्ता हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। 2022 में ईडी ने उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया था और तब से वे जेल में थे। गुरुवार को हाई कोर्ट की न्यायाधीश शुभ्रा घोष ने उन्हें चार शर्तों के साथ जमानत दी।
ईडी ने मानिक भट्टाचार्य को 2022 में प्राथमिक नियुक्ति घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था। उस समय से वे जेल में बंद थे। जमानत के लिए उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
जमानत पर सुनवाई के दौरान मानिक ने ईडी की जांच पर असंतोष जताते हुए कहा था कि जांच सही तरीके से नहीं हो रही है। उनका कहना था कि बार-बार चार्जशीट दाखिल करने के दौरान ईडी यह दावा करती रही है कि जांच जारी है, जिसके चलते उन्हें जमानत नहीं मिल पा रही है। उन्होंने ईडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है।
इससे पहले मानिक ने सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी, लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कलकत्ता हाई कोर्ट में फिर से याचिका दाखिल करने की सलाह दी थी। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया।
उल्लेखनीय है कि मानिक भट्टाचार्य के साथ उनकी पत्नी शतरूपा भट्टाचार्य और बेटे शौविक भट्टाचार्य को भी इसी मामले में हिरासत में लिया गया था। हाई कोर्ट ने बाद में शतरूपा को जमानत दे दी थी और शौविक को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी लेकिन मानिक की जमानत अब तक नहीं हो सकी थी।
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