जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक- कई अहम फैसलों का आगाज

जीएसटी काउंसिल की 54 वीं बैठक में महत्वपूर्ण फैसलों के दूरगामी सकारात्मक परिणाम होंगे
धार्मिक यात्राओं, शैक्षणिक संस्थानों, कैंसर दवाओं व नमकीन स्नैक्स सहित अनेक वस्तुओं सेवाओं में जीएसटी की 54वीं बैठक में राहतों आहतों को रेखांकित करना जरूरी- एड. के.एस. भावनानी

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर वैसे तो अनेक देशों में सभी टैक्सों को मिलाकर एक जीएसटी टैक्स का प्रचलन शुरू है, इसलिए ही काफी जद्दोजहद के बाद विशेष सत्र बुलाकर जीएसटी कानून 2017 पारित किया था और एक जीएसटी काउंसिल का गठन किया गया था, जिसमें केंद्रीय वित्तमंत्री की अध्यक्षता में पूरे राज्यों के वित्तमंत्री, अधिकारी, केंद्र शासित प्रदेश के प्रभारी सदस्य होंगे और बदलती परिस्थितियों के अनुसार जीएसटी कानून को सुगम बनाने के लिए प्रतिमाह बैठक कर आवश्यक सुधार परिवर्तन अपडेट मिल किए जाते रहेंगे। इसी कड़ी में सोमवार दिनांक 9 सितंबर 2024 को 54वीं बैठक आयोजित की गई। जिसमें हुए फैसलों की जानकारी देर शाम केंद्रीय वित्त मंत्री ने दी। बैठक में जहां एक ओर धार्मिक, यात्राओं, शैक्षणिक संस्थानों, कैंसर दवाओं, नमकीन स्नैक्स सहित अनेक वस्तुओं सेवाओं में राहतें छूट दी गई है, तो वहीं पूरे देश की नजरें दो सेवाओं पर लगी हुई थी परंतु उन दोनों सेवाओं पर फैसला नहीं हो सका जिसमें
(1) जीएसटी परिषद स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की दर को मौजूदा 18 फीसदी से कम करने पर व्यापक रूप से सहमत हो गई है। लेकिन, फिलहाल इस पर अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। अक्‍टूबर में सरकारी समिति की ओर से रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद ही इस पर फैसला होगा।

(2) ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी राहत की संभावना खत्म वित्तमंत्री ने बताया कि आनलाइन गेमिंग पर पिछले साल अक्टूबर में 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के दौरान यह कहा गया था कि छह माह के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी। समीक्षा रिपोर्ट में यह पाया गया कि आनलाइन गेमिंग के राजस्व में पिछले छह महीनों में 412 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अक्टूबर से पहले के छह महीनों में प्राप्त राजस्व से इसकी तुलना की गई है। अक्टूबर से पहले के छह महीनों में आनलाइन गेमिंग कंपनियों को 1349 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ था, जबकि पिछले साल अक्टूबर के बाद के छह महीनों में इन कंपनियों को 6909 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। ऑलाइन गेमिंग कंपनियां सरकार से 28 प्रतिशत जीएसटी को खत्म करने की मांग कर रही हैं, लेकिन राजस्व में इतनी बढ़ोतरी के बाद यह संभावना बिल्कुल समाप्त हो गई। चूंकि जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक में महत्वपूर्ण फैसलों के दूरगामी सकारात्मक परिणाम होंगे, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे। जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक में कई अहम फैसलों का आगाज हुआ, किसी को राहत तो कोई आहत!

साथियों बात अगर हम दिनांक 9 सितंबर 2024 को देर शाम संपन्न हुई जीएसटी की 54 वीं बैठक में लिए गए निर्णय की करें तो…
(1) जीएसटी काउंसिल ने स्वास्थ्य और चिकित्सा बीमा पर जीएसटी दरों की समीक्षा के लिए एक नए मंत्रियों के समूह का गठन किया है। यह समूह अक्टूबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट देगा और काउंसिल नवंबर में इस पर अंतिम निर्णय लेगी।
(2) वित्तमंत्री ने बताया कि कैंसर के इलाज की लागत को कम करने के उद्देश्य से कैंसर की दवाओं पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है।

(3) नमकीन और अन्य कुछ स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों पर जीएसटी दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
(4) जीएसटी काउंसिल ने विदेशी एयरलाइनों द्वारा सेवाओं के आयात को जीएसटी से मुक्त कर दिया है, जिससे उन कंपनियों को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी।
(5) सेस पर जीओएम का गठन : बैठक में सेस संग्रह पर भी चर्चा हुई, जिसमें बताया गया कि मार्च 2026 तक कुल सेस संग्रह 8.66 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है। ऋण भुगतान के बाद, लगभग 40, हज़ार करोड़ का अधिशेष बचने का अनुमान है।

(6) बी2सी जीएसटी इनवॉइसिंग :1 अक्टूबर से बिजनेस -टू-कस्टमर (बी2सी) जीएसटी इनवॉइसिंग प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे कराधान प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुधार आएगा।
(7) कार सीट्स पर जीएसटी दर को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे इन वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
(8) जीएसटी परिषद ने धार्मिक यात्राओं के लिए हेलिकॉप्टर सेवाओं के परिचालन पर टैक्‍स को घटाकर पांच फीसदी करने का फैसला किया है। उत्तराखंड के वित्तमंत्री के मुताबिक केदारनाथ, बद्रीनाथ जैसी धार्मिक यात्राओं पर श्रद्धालुओं को ले जाने वाली हेलिकॉप्टर सेवाओं पर टैक्‍स को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया है।

(9) जीएसटी परिषद ने उपकर क्षतिपूर्ति पर एक मंत्री समूह के गठन पर सहमति जताई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस निर्णय की जानकारी दी। यह कदम राज्यों को जीएसटी उपकर क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर समाधान खोजने में मदद करेगा।
(10) वित्तमंत्री ने जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक के बाद बताया कि दरों को युक्तिसंगत बनाने पर गठित मंत्री समूह ने अपनी स्थिति रिपोर्ट सौंप दी है। यह रिपोर्ट जीएसटी दरों में सुधार और समायोजन के उद्देश्य से तैयार की गई है।

(11) जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा कि ऐसे विश्वविद्यालय और अनुसंधान केंद्र जो केंद्र सरकार ने स्थापित किए हैं या राज्य सरकारों के कानून से स्थापित विश्वविद्यालय और अनुसंधान केंद्र या जिन्होंने आयकर छूट प्राप्त की है, वे सार्वजनिक, सरकारी और निजी दोनों से अनुसंधान निधि प्राप्त कर सकते हैं। उन्हें जीएसटी का भुगतान नहीं करना होगा। उन्हें जीएसटी का भुगतान करने से छूट दी गई है।

साथियों बात अगर हम केंद्रीय परिवहन मंत्री द्वारा वित्त मंत्री को 28 जुलाई 2024 को जीवन बीमा प्रीमियम पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को कम करने संबंधी पत्र लिखने की करें तो, उन्होने ये बड़ी बात वित्तमंत्री की अगुवाई में सोमवार को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठ में सबसे ज्यादा नजर स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को कम करने से संबंधित ऐलान थी, इसे लेकर आम से लेकर खास तक की ओर से मांग की जा चुकी है।

बीते 28 जुलाई 2024 को केंद्रीय मंत्री महोदय ने भी एक पत्र लिखकर वित्त मंत्री से लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस पर लागू जीएसटी हटाने की मांग की थी। उन्होंने इस टैक्स को जिंदगी की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने जैसा करार दिया है। अपने लिखे पत्र में उन्होने कहा था कि नागपुर मंडल जीवन बीमा निगम कर्मचारी संघ ने इन मुद्दों पर उन्हें ज्ञापन सौंपा है, संघ का मानना ​​है कि लोगों को इस जोखिम के खिलाफ कवर खरीदने के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी तरह, मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18 फीसदी जीएसटी बिजनेस के इस क्षेत्र के विकास के लिए बाधक साबित हो रहा है, जो सामाजिक रूप से जरूरी है।

साथियों बात अगर हम ऑनलाइन समाचार सदस्यों पर ओआईडीएआर के रूप में 18 प्रतिशत जो अभी जीएसटी लगती है इसमें राहत देने की करें तो, वर्तमान में प्रिंटेड न्‍यूज पेपर्स, मैग्‍जीन और पेपर-मैग्‍जीन को जीएसटी से छूट दी गई है। आईजीएसटी अधिनियम के तहत, ऑनलाइन समाचार सदस्यता पर ऑनलाइन सूचना डेटाबेस एक्सेस और रिट्रीवल (ओआईडीएआर) सेवाओं के रूप में 18 प्रतिशत टैक्‍स लगाया जाता है। इसका मतलब है कि ऐसी इंटरनेट सेवा जिसमें प्रोवाइडर और सेवा यूजर्स के बीच कोई फिजिकल इंटरफेस नहीं होता है। ऑनलाइन न्‍यूज सब्‍सक्रिप्‍शन को सप्‍लाई ऑफ इमेजेज, टेक्ट और डेटाबेस उपलब्ध कराने के लिए सेवाओं की सब कैटेगरी में शामिल किया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सिफारिश के बाद वित्त मंत्रालय ने यह कदम उठाया है।

ऐसे में 9 सितंबर 2024 को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में डिजिटल न्‍यूज सब्‍सक्रिप्‍शन पर जीएसटी रेट्स को लेकर समीक्षा नहीं की गई जिसकी सबको उम्मीद थी। जीएसटी काउंसिल बैठक का ऐलान गुड एंड सर्विस टैक्‍स काउंसिल की अगली बैठक 9 सितंबर को होने वाली है। इस बैठक में जीएसटी रेट्स से लेकर कई चीजों पर चर्चा हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय डिजिटल न्‍यूज सब्‍सक्रिप्‍शन पर लागू वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों की समीक्षा कर सकता है। जानकारी है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को डिजिटल न्‍यूज सब्‍सक्रिप्‍शन पर जीएसटी रेट कम करने की सिफारिश की थी।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक- कई अहम फैसलों का आगाज किसी को राहत तो कोई आहत जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक में महत्वपूर्ण फैसलों के दूरगामी सकारात्मक परिणाम होंगे। धार्मिक यात्राओं, शैक्षणिक संस्थानों, कैंसर दवाओं व नमकीन स्नैक्स सहित अनेक वस्तुओं सेवाओं में जीएसटी की 54वीं में बैठक में राहतों आहतों को रेखांकित करना जरूरी है।

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)

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