कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता सागरिका घोष ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति को देखते हुए पश्चिम बंगाल पर टिप्पणी करने का उनके पास कोई नैतिक अधिकार नहीं है। बता दें कि मणिपुर के मुख्यमंत्री ने डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्याकांड के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बाद स्थिति से निपटने पर ममता बनर्जी पर कटाक्ष किया था।
सागरिका घोष ने कहा कि मणिपुर में हजारों लोग राहत शिविरों में हैं। मणिपुर के सीएम के उलट पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने दुष्कर्म और हत्या के मामलों में न्याय को हमेशा सबसे ऊपर रखा है।
घोष ने दावा किया कि कोलकाता पुलिस ने 24 घंटे में इस मामले को सुलझा लिया। इसकी तुलना मणिपुर से कीजिए, जहां 18 महीने बाद भी हजारों लोग राहत शिविरों में कष्ट झेल रहे हैं। जातीय हिंसा में 220 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और पुलिस ने महीनों तक एफआईआर दर्ज नहीं की।
घोष ने कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री को बंगाल पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि पिछले 18 महीनों में वह अपने लोगों को उम्मीद और राहत प्रदान करने में पूरी तरह विफल रहे हैं। हम महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। मगर भाजपा दुष्कर्म के मामले में केवल हिंसक राजनीति करना चाहती है।
गौरतलब है कि एक साक्षात्कार में मणिपुर के सीएम ने ममता बनर्जी की आलोचना की थी। बीरेन सिंह ने कहा था कि उन्होंने (ममता बनर्जी) एक सीएम के रूप में जो रवैया दिखाया..मामले में शुरुआत में उसने सभी को प्रभावित नहीं किया। एक अस्पताल के अंदर एक डॉक्टर के साथ जो हुआ..वह एक जघन्य अपराध है।
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