कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने हालिया भाषण को लेकर फैल रही अफवाहों और कथित तौर पर गलत सूचनाओं पर कड़ा जवाब दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है और इसका उद्देश्य लोगों को गुमराह करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने छात्रों या उनके आंदोलन के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है।
उन्होंने कहा, “मैं छात्रों के आंदोलन का पूरी तरह समर्थन करती हूं। उनका आंदोलन बिल्कुल सही है। मैंने उन्हें धमकी नहीं दी है, जैसा कि कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं। यह आरोप पूरी तरह से झूठा है।”
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उनका बयान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के समर्थन से बीजेपी राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डाल रही है और अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, “बीजेपी केंद्र के समर्थन से राज्य में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है और मैंने उनके खिलाफ अपनी आवाज उठाई है।”
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में इस्तेमाल किए गए एक वाक्यांश ‘फोंश करा’ के संदर्भ में भी सफाई दी। उन्होंने कहा कि यह वाक्यांश महान संत श्री रामकृष्ण परमहंस से प्रेरित है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “महान संत ने कहा था कि कभी-कभी अपनी आवाज बुलंद करने की जरूरत होती है। जब अपराध और आपराधिक घटनाएं होती हैं, तो विरोध की आवाज उठानी ही पड़ती है।‘
मेरे भाषण में उस बिंदु पर यह महान रामकृष्ण वाक्य का सीधा संदर्भ था। उल्लेखनीय है कि सीएम के संबोधन के बाद छात्रों ने आरोप लगाया था कि उन्हें धमकी दी गई है और आंदोलन तेज होगा।
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