What has happened so far in the Kolkata doctor rape and murder case...

कोलकाता कांड: संदीप घोष और 4 ट्रेनी डॉक्टर्स का पॉलीग्राफ टेस्ट खोलेगा राज?

कोलकाता। ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की राजनीति (Politics) को रफ्तार पश्चिम बंगाल (West Bengal) में एक महिला (Woman) के साथ उत्पीड़न के मुद्दे को उठाने के बाद ही मिली थी, वो साल 1992 था। आज 32 साल बाद पश्चिम बंगाल में एक महिला के साथ वीभत्स वारदात ने ममता बनर्जी के 13 साल से एकछत्र सियासी राज को सबसे मुश्किल चक्रव्यूह में घेर दिया है।

सरकार के कुछ फैसलों, सरकारी मशीनरी सब पर सवाल उठ रहे हैं। इस केस में सीबीआई संदीप घोष से 7 दिन लगातार पूछताछ कर चुकी है। मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर शक इसलिए हो रहा है क्योंकि आरोप लगा है कि केस का मुख्य आरोपी संजय रॉय दरअसल संदीप घोष का बाउंसर बनकर घूमता था।

वहीं, सीबीआई इस मामले में संदीप घोष द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली SUV की जांच भी कर चुकी है, लेकिन अब CBI ने संदीप घोष के पॉलीग्राफ टेस्ट की इजाजत कोर्ट से हासिल कर ली है। साथ ही सीबीआई उन 4 डॉक्टरों का भी पॉलीग्राफ टेस्ट करेगी, जिन्होंने 8 अगस्त को महिला डॉक्टर के साथ ही डिनर किया था।

दरअसल, सबका पॉलीग्राफ टेस्ट कराके सीबीआई ये जांचना चाहती है कि जो बयान इन लोगों ने दिए, वो सही हैं या नहीं।

कोलकाता में 8-9 अगस्त की रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले में भले ही जांच अब CBI कर रही है, लेकिन बंगाल पुलिस ने शुरुआती 5 दिन में इतनी छीछालेदर कर दी कि सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की बेंच को ये कहना पड़ रहा है कि 30 साल में ऐसी लापरवाही नहीं देखी। मतलब साफ है कि अदालत को इस घटना में कोलकाता पुलिस की भूमिका पर पूरा संदेह है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासन वाली कोलकाता पुलिस, पुलिस की जांच प्रक्रिया, पुलिस का भरोसा… सुरक्षा सबकुछ संदेह के दायरे में है। तो क्या 32 साल पहले एक पीड़ित बच्ची को न्याय दिलाने की मांग लेकर पश्चिम बंगाल के सचिवालय भवन यानी राइटर्स बिल्डिंग तक जाने वाली ममता बनर्जी अब खुद सत्ता में होकर अपने शासनकाल में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई वीभत्स वारदात के बाद सबसे बड़े सवालों के चक्रव्यूह में हैं?

केस की जांच में पुलिस ने की लापरवाही!

8-9 अगस्त की रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज के भीतर ट्रेनी महिला डॉक्टर के रेप-हत्या के मामले में पहले कोलकाता पुलिस को सुप्रीम कोर्ट ने रेप-मर्डर केस की जांच के लायक भरोसेमंद नहीं माना। फिर कोलकाता पुलिस को डॉक्टर की सुरक्षा करने लायक भी नहीं माना।

अब कोलकाता पुलिस को पहले 5 दिन की जांच में भयानक लापरवाह माना गया है। यहां तक कि दुर्गापूजा कराने वाली समितियां तक बंगाल सरकार की नीयत पर भरोसा ना करके सरकारी मदद वापस करने में लगी हैं। फिलहाल मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

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