रक्षाबंधन का सही मुहूर्त व विधि!

वाराणसी। भाई बहन के पावन रिश्ते का त्योहार रक्षाबंधन हिन्दू धर्मावलंबियों द्वारा युगों से मनाया जा रहा है इस त्योहार के माध्यम से भाई बहन के बीच आपसी जिम्मेदारी और स्नेह में वृद्धि होती है। रक्षा बन्धन में राखी या रक्षा सूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। राखी सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बंधियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) भी बाँधी जाती है। कभी-कभी सार्वजनिक रूप से किसी नेता या प्रतिष्ठित व्यक्ति को भी राखी बाँधी जाती है।

रक्षाबंधन शुभ समय : इस वर्ष रक्षाबंधन 19 अगस्त को मनाया जाएगा, लेकिन ज्योतिषीय मान्यताओ के अनुसार इस दिन भद्रा काल प्रातः 05:52 बजे से दोपहर 01:32 बजे तक रहेगा। इस समय में बहनों द्वारा भाइयों को राखी बांधना अशुभ माना जाता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, राखी बांधने के लिए भद्रा काल के पश्चात का समय ही उपयुक्त माना जाता है।

इसलिए, दोपहर 01:32 बजे के बाद से राखी बांधने का शुभ मुहूर्त शुरू होगा, जो सायंकाल 04:21 बजे तक रहेगा। इसके अतिरिक्त, प्रदोष काल में शाम 06:56 बजे से रात 09:08 बजे तक भी राखी बांधने का शुभ समय रहेगा। ज्योतिष के अनुसार 19 अगस्त को उपाकर्म और यज्ञोपवीत धारण करने के लिए सम्पूर्ण दिन शुभ रहेगा, क्योंकि इन कार्यों में भद्रा का विचार नहीं किया जाता है। इसलिए, सूर्योदय के पश्चात पूरे दिन में उपाकर्म और जनेऊ धारण किया जा सकता है। शुभ मुहूर्त का ध्यान रखते हुए राखी बांधें और इस पवित्र त्योहार को धूमधाम से मनाएं।
राखी : रक्षाबंधन के पर्व में सबसे जरूरी चीज राखी होती है। पूजा की थाली में राखी का होना बहुत जरूरी है।

रक्षाबंधन के विशेष उपाय : यदि आप बहनो का कोई भाई ज्यादा बीमार रहता हो या किसी अन्य परेशानी में हो तो निम्न उपाय करना चाहिए।
रक्षा बंधन के दिन राखी बांधने से ठीक पहले अपनी दायीं मुट्ठी में पीली सरसों (1चम्मच) व 7 लौंग ले। उस सामग्री को भाई के ऊपर से एन्टी क्लॉक वाइज 27 बार लगातार उल्टा उसार देवे। फिर उसी वक्त उस सामग्री को गर्म तवे पर डाल कर ऊपर से कटोरी उल्टी रखे। जब सारी सामग्री काले रंग की हो जाये तब नीचे उतार लेवे व चौराहे पर किसी से फिकवां दे, खुद नही फेके।

ध्यान रहे सरसो व लोंग आपको अपने घर से लेकर जाने है यदि आप शादी सुदा है तो। अन्यथा खुद ही बाजार से नए खरीदे। घर के काम मे नही लेवे। उपाय के बाद तवे को भी अच्छे से धो लें सरसो उसरने के बाद ज्यादा देर घर मे ना रखें तुरंत बाहर ले जाएं। इस उपाय को सिर्फ राखी के दिन ही करना है, इसकी पुनरावृत्ति न करे।

पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

ज्योर्तिविद रत्न वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 99938 74848

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